सिर्फ 100 अनुदेशक ही ऐसे है जिनका खर्च 8470 में नहीं चल रहा है बाकी क्यों नहीं आते है इसका मतलब उन्हें कोई परेशानी नहीं है इतने मानदेय से, फिर आप लोग क्यों धरना दे रहे हो और चिल्ला रहे हो की मानदेय बढ़ाओ। इसका मतलब आप लोग पढ़ाना नहीं चाहते है सिर्फ नेतागीरी करना है। पूरे प्रदेश की 50 प्रतिशत महिला अनुदेशक में से सिर्फ 20 की संख्या है आपकी और बात महिला सवैतनिक प्रसूति अवकाश की कर रहे है आप लोग। और रही बात ट्रांसफर की तो बेरोजगार थे रोजगार दे दिया है नहीं करना था तो छोड़ देते किसने कहा था इतनी दूर जाकर पढ़ने के लिए।। ये होते है एक अधिकारी के शब्द जब धरने में संख्या बल नहीं होता है अभी भी समय है धरने में पहुंचे ये न सोचें कि पिछले धरने से क्या मिला बल्कि ये सोंचे की इस धरने से हम क्या पा सकते है।।।।
जिला अध्यक्ष
विवेक सिंह