Wednesday, September 28, 2016
अनुदेशकों ने घेरा राज्य परियोजना निदेशालय, सचिव बेसिक शिक्षा से हुई वार्ता विफल, जारी रहेगा धरना
लखनऊ। अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के अनुदेशकों ने मंगलवार को निशातगंज स्थित राज्य परियोजना निदेशालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। पूर्व माध्यमिक अनुदेशक कल्याण समिति उप्र के बैनर तले सैकड़ों अनुदेशक निदेशालय के गेट पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। उनका आरोप था कि कई बार मांगों के समर्थन में सचिव से लेकर निदेशक तक वार्ता हो चुकी है, लेकिन अब तक आदेश नहीं जारी किया गया।निदेशालय का घेराव कर बैठे प्रदेश अध्यक्ष राकेश पटेल, दिग्विजय, अनुभव पुनिया सहित अन्य अनुदेशकों ने बताया कि प्रदेश भर के जूनियर हाईस्कूलों में करीब 32 हजार अनुदेशक तैनात हैं। ये सभी शिक्षक की तरह पढ़ाते हैं। लेकिन मानदेय के नाम पर उन्हें 11 महीने तक सिर्फ 8470 रुपए ही दिए जाते हैं। वो भी समय से नहीं मिलता। अनुदेशकों का कहना था कि वे कम्प्यूटर, कला, गृह शिल्प, शारीरिक शिक्षा आदि के विशेषज्ञ हैं। लेकिन उनसे दूसरे विषय भी पढ़वाए जाते हैं। छुट्टी के नाम पर पूरे वर्ष में सिर्फ 10 अवकाश दिए जाते हैं। महिला अनुदेशकों को मातृत्व अवकाश का लाभ तक नहीं दिया जाता। इसके अलावा 100 बच्चे से एक भी कम होने पर अनुदेशक को हटा दिया जाता है, जो कि गलत है।नवीनीकरण के नाम पर हो रहा शोषणअनुदेशकों ने आरोप लगाया कि प्रदेश के सभी जिलों में नवीनीकरण के नाम पर शारीरिक, मानसिक व आर्थिक शोषण हो रहा है। इसलिए नवीनीकरण की प्रक्रिया स्वत: लागू की जानी चाहिए। मीडिया प्रभारी पुनीत श्रीवास्तव ने बताया कि देर शाम तक चले घेराव व प्रदर्शन के बाद बेसिक शिक्षा सचिव से वार्ता हुई, लेकिन शासनादेश जारी होने तक सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना कार्यालय में धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा।