समस्त अनुदेशिकाओ बहनो से अपील🙏
जैसा आप सभी को पता है कि उच्च प्राथमिक संघ ने 4 अक्टूबर को लखनऊ विधान सभा घेराव का आवाहन किया है। अब अंतिम अवसर है शासन पर दवाब बनाने के लिए क्योंकि अब समय बहुत कम बचा है कभी भी अधिसूचना लग सकती है। अब बस संगठन को जरुरत है आप सभी बहनों के साथ की क्योंकि सभी को पता है हमारे अनुदेशक परिवार में आप लोगो की संख्या 65% है। पर जब भी कभी धरने का आवाहन होता है तब सिर्फ 15 % ही हमारी सक्रीय अनुदेशक बहने ही धरने में समिलित होती है। अब वक़्त आ गया है घरो से निकल कर इस लड़ाई में अपने अनुदेशक भाइयो के साथ कंधे से कन्धा मिलाकर खड़े होने का। हमारी बहुत सी महिला साथी अकेले की वजह से धरने में आना नही चाहती तो मैं उन सभी साथियो से निवेदन करती हूँ आप अपने घर के किसी भी फैमिली मेंबर के साथ धरने में पहुँचे इससे संगठन को दो लाभ होंगे एक तो आप सभी भी उपस्थित हो जायेगी और दूसरी हम सबका संख्या बल दो गुना हो जायेगा आप तो होगी ही साथ में आपके साथ आये हुए फैमिली मेंबर कई वजह से हम लोगो का संख्या बल दोगुना हो जायेगा। इसलिए अब इसे अपना फर्ज समझकर इस अनुदेशक हित की लड़ाई में भाग लो। ये लड़ाई किसी एक की लड़ाई नही हैं ये लड़ाई पुरे अनुदेशक परिवार के सम्मान की लड़ाई है जिसे हम सब एक साथ लड़कर ही जीत सकते हैं। जब रानी लक्ष्मी बाई अकेले ही इतनी बड़ी अग्रेजी सेना के छक्के छुड़ा दी थी। आप सबने सुना भी होगा।
खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी
तो सोचिये हमारे अनुदेशक परिवार में तो बहुत सारी अनुदेशक बहने हैं अगर सबने मिलकर इस बार लखनऊ में रानी लक्ष्मी बाई का रूप दिखा दिया तो पूरा शासन और प्रशासन हिल जायेगा और हमारी मांगो को मानने में ज्यादा वक़्त नही लगेगा।
आप सभी से अंत में एक बार हाँथ जोड़कर🙏 निवेदन हैं ज्यादा से ज्यादा संख्या में 4 अक्टूबर 2016 को लखनऊ अवश्य पहुँचे और विधान सभा घेराव को सफल बनाये और बता दीजिये शासन और प्रशासन को।
"यह सोच नही मै अबला व बेचारी हूँ।
श्रृंगार रस मे डूब गयी तो मेनका व रंभा नारी हूँ
आयी अपने रौद्र रूप मे तो शक्ति
चंडिका काली हूँ।
यह सोच नही अबला व बेचारी हूँ।
उठा इतिहास के साक्ष्यो को इनकी अनगिनत कहानी है
ममता की छवि अनुसूईया
वीरता मे झाँसी की रानी है।
यह सोच नही अबला व बेचारी हूँ।
स्वभिमान व सम्मान की खातिर
अमर अद्भुत भूत रची कहानी है।
यह सोंचा नही अबला वे बेचारी हूँ।।
🙏�🙏�🙏�🙏�🙏
लहरों को शांत देखकर ये मत समझना, की समंदर में रवानी नहीं है,
जब भी उठेंगे तूफ़ान बनकर उठेंगे,
अभी उठने की ठानी नहीं हैं
बोल अनुदेशक हल्ला बोल
जय अनुदेशक परिवार
माधुरी गुप्ता
प्रदेश सचिव
*उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश