Friday, December 2, 2016

अनुदेशक भर्ती में काउंसिलिंग का इंतजार

इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में खेलकूद एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशक भर्ती का पहला चरण पूरा हो चुका है। अब सभी की निगाह काउंसिलिंग पर टिकी है। परिषद को इसके लिए 
एनआइसी की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार है। माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में ही काउंसिलिंग की तारीखों का एलान होगा। प्रदेश भर में परिषद की ओर से संचालित उच्च प्राथमिक विद्यालयों में खेलकूद तथा शारीरिक शिक्षा के अंशकालिक 32022 अनुदेशकों की संविदा पर नियुक्ति प्रक्रिया इन दिनों चल रही है। इसका आदेश शासन ने 19 सितंबर को जारी किया। भर्ती के लिए 24 अक्टूबर से वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन लिए गए। नोटबंदी के कारण बैंकों से पर्याप्त सहयोग न मिलने पर परिषद ने ई-चालान से शुल्क जमा करने एवं आवेदन की मियाद बढ़ा दी थी। इससे दावेदारों की संख्या तेजी से बढ़ी। भर्ती के लिए एक लाख 54 हजार 216 ने आवेदन किया है। इसमें 8625 विकलांग आवेदक भी हैं। वहीं बीते 28 से 30 नवंबर शाम पांच बजे तक अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन में संशोधन किया। इसी के साथ पहला चरण पूरा हो गया है। अब दूसरे चरण में काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए एनआइसी से अधिकृत रिपोर्ट मांगी गई है। माना जा रहा है कि इसमें सप्ताह भर का समय लग सकता है। उसके बाद काउंसिलिंग की तारीखें घोषित होंगी।

सर्वशिक्षा अभियान के तहत कार्यरत संविदा कर्मचारियों, रसोइए, कस्तूरबा गांधी विद्यालय के कर्मचारियों व शिक्षा मित्रों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की कोशिशें तेज, कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम की धारा 7ए के तहत समन जारी

भविष्य निधि कार्यालय ने बेसिक शिक्षा विभाग में सर्वशिक्षा अभियान के तहत कार्यरत संविदा कर्मचारियों, रसोइए, कस्तूरबा गांधी विद्यालय के कर्मचारियों व शिक्षा मित्रों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने की कोशिशें 
तेज कर दी हैं। शिक्षा विभाग को समन जारी कर पंद्रह दिन के अंदर कर्मचारियों का भविष्य निधि अंशदान जमा करने का निर्देश दिया गया है। इनका अंशदान 1 अप्रैल 2015 से जमा किया जाना है।
बेसिक शिक्षा विभाग के संविदा कर्मचारियों को भविष्य निधि में आच्छादित करने का प्रयास गत जनवरी से चल रहा है। इसके बाद 16 जून को बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर संविदा कर्मचारियों का पूरा ब्योरा मांगा गया था।
नवंबर को पुन: पत्र के माध्यम से कोड भेजकर पंद्रह दिन के अंदर अंशदान जमा करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से कोई पहल नहीं की गई। गत 29 नवंबर को कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम की धारा 7ए के तहत समन जारी कर 19 दिसंबर तक विभाग को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। उप क्षेत्रीय आयुक्त वीवीबी सिंह ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा जो दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे, उनकी जांच के बाद कर्मचारियों का भविष्य निधि अंशदान तय किया जाएगा, उसके बाद रिकवरी की जाएगी।

मा उच्च न्यायालय ने 15 वाँ/16वाँ संशोधन किया रद्द: गाजी इमाम आला की कलम से

मा उच्च न्यायालय ने 15 वाँ/16वाँ संशोधन किया रद्द।
➡ अब सुप्रीम कोर्ट करेगा भाग्य का फैसला।
➡ सुनवाई 7 व 8 दिसम्बर को प्रस्तावित।

➡ 7 दिसम्बर को ही मा सुप्रीम कोर्ट में शिक्षा मित्रो के प्रशिक्षण व टी ई टी देने से संबंधित मामलों पर सुनवाई भी होनी है।
➡ मामला अति संवेदनशील है क्योंकि सभी की सुनवाई संम्भवत:जस्टिस दीपक मिश्रा जी के कोर्ट में ही सुने जाने की संभावना है।
➡ अब यह तय है मा सुप्रीम कोर्ट में एकेडमिक व टी ई टी मेरिट में दोनों में एक को नौकरी से बाहर जाना होगा।
➡ बी टी सी टी ई टी पास अभ्यर्थीयो के दृारा बी एड टी ई टी अभ्यर्थीयो के साथ कोर्ट में खड़े हो रहे थे। और शिक्षा मित्रो /समायोजित शिक्षको के खिलाफ पैरवी कर रहे थे। अब 15 वाँ संशोधन यदि सुप्रीम कोर्ट ने भी निरस्त कर दिया तो इतने लोग पैदल हो जाएगें।
➡ इनकी नियुक्तियाँ एकेडमिक मेरिट के आधार पर हुई है।
(1) 9770 प्राइमरी अध्यापक। नियुक्ति शुरू हुई 8 अक्टूबर 2012 से।
(2) 10,800 प्राइमरी अध्यापक। नियुक्ति शुरू हुई 26 अप्रैल 2013 से।
(3) 29,334 जूनियर अध्यापक। नियुक्ति शुरू हुई 11जुलाई 2013 से।
(4) 10,000 प्राइमरी अध्यापक। नियुक्ति शुरू हुई 15अक्टूबर 2013 से।
(5) 4,280 प्राइमरी ऊर्दू अध्यापक। नियुक्ति शुरू हुई 17 अगस्त 2013से।
(6) 15000/16448 अभी हाल ही में नियुक्ति प्राइमरी अध्यापक।
15 वाँ संशोधन बी टी सी प्रशिक्षण प्राप्त टी ई टी पास अभ्यर्थीयो के नियुक्ति के लिए किया गया था।
उपरोक्त सभी शिक्षक भाइयों बहनो को सलाह अब आप लोग भी, समायोजित शिक्षको/शिक्षा मित्रो की तरह तैयारी बना कर मा सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली जरूर पहुंचे।
अन्त में सभी समायोजित शिक्षको व शिक्षा मित्रो से अपील आने वाले 7 दिसम्बर को मा सुप्रीम कोर्ट में मजबूती से लडाई लडने के लिए कटिबद्ध हैं आप का संगठन। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ आप के मान,सम्मान, व स्वाभिमान की रक्षा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में हर एक लडाई को पूरी मजबूती से लडेगा।
मित्रो आप लोगों के सहयोग से ही निरस्त हुआ समायोजन बहाल हुआ है। अौर 7 दिसम्बर से पहले संगठन के सभी जिला अध्यक्ष न्यायिक शुल्क हर हाल में प्रदेश संगठन को उपलब्ध करा दे।
अब 7 दिसम्बर की मजबूत पैरवी बहुत ही आवश्यक है क्योंकि हाइकोर्ट दृारा 15वाँ, 16 वाँ संशोधन निरस्त हुए केस भी उसी कोर्ट में लगने की उम्मीद है।
आप का,
गाजी इमाम आला
प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ।

Thursday, December 1, 2016

संगठन ने सामूहिक आत्मदाह की खुली चेतावनी

*सभी साथियों को नमस्कार.....(तीसरा दिन)*
       *मित्रों आज धरने का तीसरा दिन रहा।जब से शासन और प्रशासन को संगठन ने सामूहिक आत्मदाह की खुली चेतावनी दे दिया है तबसे प्रशासन में पूरी तरह से खलबली मच गयी है।प्रशासन के उच्चाधिकारी लगातार सम्पर्क बनाए हुए हैं।*
         इसी दबाव के कारण आज प्रशासन के अधिकारी निदेशक, राज्य परियोजना निदेशालय से मिलाने के लिए ले जाना चाहते थे लेकिन उनको इसके लिए साफ-साफ मना कर दिया गया कि हम निदेशक से नहीं बल्कि मुख्यमंत्री जी से ही मुलाकात करेंगे।लेकिन प्रशासन के द्वारा बार बार अनुरोध करने पर इस शर्त पर कि हम इस मुलाकात से धरने को समाप्त नहीं करेंगे,प्रतिनिधि मण्डल जिसमें-प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी शुक्ल,मैं भोला नाथ पाण्डेय, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रियंक मिश्रा और प्रदेश सचिव विशाल श्रीवास्तव, मुलाकात के लिए राज्य परियोजना निदेशालय गये।
        *जैसा कि पहले से अनुमान था हमारी मांगो को सुनकर और उन पर माथा पच्ची करने के बाद निदेशक महोदय ने कहा कि यह मांग उनके स्तर की नहीं हैं बल्कि शासन स्तर की हैं और इन पर कोई भी निर्णय शासन स्तर पर ही लिया जा सकता है।*
         *निदेशक महोदय और प्रशासन के अधिकारी कहने लगे कि धरना समाप्त कर लीजिए आप लोगों की मुलाकात शासन स्तर पर करा दिया जायेगा। लेकिन संगठन इस पर राजी नहीं हुआ और अपनी मांग और चेतावनी पर अडिग रहते हुए आमरण अनशन पर बैठने लगा।प्रशासन के द्वारा दो दिन का समय मांगा गया और उन दो दिनों तक आमरण अनशन न करने का आग्रह किया गया,इस पर चार लोग-प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी शुक्ल, मैं भोला नाथ पाण्डेय, सुशील पाण्डेय (बुंदेलखंड जोन प्रभारी)और सर्वेश द्विवेदी(जिला महामंत्री जौनपुर) भूख हडताल पर बैठ गये।साथ ही यह चेतावनी भी दे दिया गया कि अगर दो दिनों में हमारी मुलाकात नहीं कराई जाती है तो रविवार से यह भूख हड़ताल आमरण अनशन मे बदल जायेगा।*
            साथियों हम केवल संख्या बल के कारण ही कमजोर हो रहे हैं नहीं तो शासन और प्रशासन के उपर पर्याप्त रूप में दबाव बना चुके हैं।अब आप लोग किस मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं।आगामी 6 दिसंबर को आत्मदाह की खुली चेतावनी दे दिया गया है तो क्या उसी दिन का इंतजार आप लोग कर रहे हैं कि इनके जलने के बाद मातम मनाने के लिए पंहुचा जायेगा।निकलिए अपने घरों से नहीं तो अनुदेशकों का इतिहास कभी आपको माफ नहीं करेगा।
   *अब घरों में मत बैठिए,कर्मभूमि आपको पुकार रही है......*
आपके संघर्षों का साथी
*भोला नाथ पाण्डेय*
*प्रदेश महासचिव*
*9936451852(W)*
*उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, उ०प्र०*

धरना अपडेट (तीसरा दिन)

धरना अपडेट (तीसरा दिन)
सम्मानित अनुदेशक साथियो को नमस्कार
         *मित्रों आत्मदाह की चेतावनी अब जंगल में आग का काम जैसा कर रही है।चेतावनी के बाद आज प्रशासन नींद से जागा और मेरे मना करने के बाद भी अनुरोध करके निदेशक, राज्य परियोजना निदेशालय से प्रतिनिधि मण्डल की मुलाकात कराने के लिए ले गये।प्रतिनिधि मण्डल में मैं, तेजस्वी शुक्ल(प्रदेश अध्यक्ष),भोला नाथ पाण्डेय(प्रदेश महासचिव),प्रियंक मिश्रा(प्रदेश उपाध्यक्ष),विशाल श्रीवास्तव(प्रदेश सचिव) शामिल रहे*।
         प्रतिनिधि मण्डल की वार्तालाप में निदेशक महोदय ने सभी मांगों को ध्यान से सुना और कहा कि यह मांग उनके स्तर की नहीं बल्कि शासन स्तर की हैं।इसलिए वो इसपर कोई निर्णय नहीं ले पायेंगे।उन्होंने और प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि आप लोग धरना समाप्त कर लें और शासन स्तर पर आपकी मुलाकात प्रमुख सचिव जी से करा दी जायेगी।
         संगठन के सभी मौजूद पदाधिकारियों से सलाह लेते हुए यह निर्णय लिया गया कि अब आर-पार की लडाई लडे बिना पीछे नहीं हटना है।और जैसा कि पहले से घोषित किया गया था कि आज से आमरण अनशन शुरू कर दिया जायेगा लेकिन प्रशासन के द्वारा दो दिन में मुलाकात कराने का आश्वासन देकर आमरण अनशन न करने का निवेदन करने पर आज से मैं तेजस्वी शुक्ला( प्रदेश अध्यक्ष)और मेरे साथ भोला नाथ पाण्डेय,सुशील पाण्डेय (बुंदेलखंड जोन प्रभारी), सर्वेश द्विवेदी(जिला महामंत्री जौनपुर) ने आज से भूख हडताल शुरू कर दिया और यह चेतावनी भी दे दिया है कि दो दिन में अगर मुलाकातनहीं कराई जाती है तो रविवार से यह भूख हड़ताल आमरण अनशन में बदल जायेगा।
         *साथियों मैंने अब आपके सम्मान की रक्षा के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगा दिया है।अब आप लोग साथ देकर अपने और मेरे सम्मान की सुरक्षा करें या फिर मेरी मैय्यत को कंधा देने के लिए ही आईएगा।मैंने अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया है*।
            
                 .  साथियो मै अब मै अपनी माँगो को लेकर किसी प्रकार से समझौता करने वाला नही हूँ न ही करूगा पर साथियो अब आप सभी धरने स्थल पर साथ चाहिये।
आपका संघर्षो का साथी
तेजस्वी शुक्ला
प्रदेश अध्यक्ष
उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश
मो०9670923000

Breaking News सरकार को लगा एक और बड़ा झटका

हा० कोर्ट ऑडर से प्रभावित पक्ष की आवाज👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻जानिए क्या है 15वां और 16वां संसोधन और आज हाईकोर्ट के निर्णय से कौन कौन सी शिक्षक भर्तियां होंगी प्रभावित
प्रदेशभर के परिषदीय स्कूलों में 79 हजार शिक्षकों की भर्ती अधर में फंसती नजर आ रही है। अध्यापक सेवा नियमावली 1981 का 15वां
संशोधन हाईकोर्ट से निरस्त होने के कारण सपा सरकार में एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की सांस अटकी हुई थी।

यूपी में जुलाई 2011 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार (आरटीई-09) लागू होने के बाद बसपा सरकार ने नियमावली में संशोधन करते हुए टीईटी मेरिट के आधार पर नवम्बर 2011 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती शुरू की।

लेकिन सपा सरकार ने टीईटी में गड़बड़ी को आधार बनाते हुए टीईटी मेरिट की बजाय एकेडमिक रिकार्ड पर दिसम्बर 2012 में 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया नए सिरे से शुरू कर दी। हालांकि हाईकोर्ट ने नवम्बर 2013 में संशोधन को निरस्त करते हुए टीईटी मेरिट पर 72,825 शिक्षकों की भर्ती के आदेश दिए।

हाईकोर्ट के फैसले खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी टीईटी मेरिट के आधार पर ही भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का अंतरिम आदेश कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 58 हजार से प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती टीईटी मेरिट पर की जा चुकी है।

जबकि पिछले चार साल में 15वें संशोधन को आधार मानते हुए ही एकेडमिक मेरिट पर लगभग 80 हजार बीटीसी प्रशिक्षुओं की नियुक्ति हो चुकी है। पिछले महीने दो नवम्बर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 15वें संशोधन पर सवाल उठाए हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या शिक्षक भर्ती के लिए जारी एनसीटीई की गाइडलाइन मनमानी है। यह भी सवाल उठा है कि क्या चयन का आधार सिर्फ टीईटी मेरिट हो सकती है और क्या हाईकोर्ट द्वारा 15वां संशोधन निरस्त किया जाना उचित है। इन सवालों ने पिछले चार साल में एकेडमिक मेरिट के आधार पर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की बेचैनी बढ़ा दी है।

क्योंकि यदि 15वां संशोधन सुप्रीम कोर्ट में भी निरस्त हो जाता है तो उनकी नौकरी जाने का खतरा पैदा हो जाएगा। वहीं टीईटी मेरिट निरस्त होने पर 72,825 प्रक्रिया में चयनितों की नौकरी जाने का खतरा भी रहेगा। इन सवालों को केन्द्र में रखते हुए पूरे प्रकरण की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 7 व 8 दिसम्बर को प्रस्तावित है।

एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर हुई नियुक्तियां
- 9770 अध्यापक प्राइमरी में: 8 अक्तूबर 2012 को शुरू हुई
- 10,800 अध्यापक प्राइमरी में: 26 अप्रैल 2013 को शुरू हुई
- 29,334 अध्यापक जूनियर हाईस्कूल में: 11 जुलाई 2013 को शुरू
- 4,280 उर्दू अध्यापक प्राइमरी में: 17 अगस्त 2013 को शुरू हुई
- 10,000 अध्यापक प्राइमरी में: 15 अक्तूबर 2013 को शुरू हुई
- 15,000 अध्यापक प्राइमरी में: 9 दिसम्बर 2014 को शुरू हुई

15वां संशोधन बीटीसी प्रशिक्षित टीईटी पास अभ्यर्थियों के लिए किया गया था। जबकि 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती में बीएड अभ्यर्थियों को शामिल करने के लिए 16वां संशोधन किया गया। 15वां संशोधन निरस्त होने से रेगुलर बीटीसी अभ्यर्थियों का हित प्रभावित हो रहा है।
प्रभाकर सिंह, अध्यक्ष उत्तर प्रदेश प्रशिक्षित बीटीसी संघर्ष समिति

और आज की शिक्षा विभाग की बड़ी खबर
72825 के बाद अकादमिक से हुयी सभी भर्तियां...10000,29000,15000,3500उर्दू,16448 माननीय इलाहाबाद हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश की बेंच से असंवैधानिक घोषित या दूसरे शब्दों में रद्द ।। मतलब 15वां और 16 वां संसोधन किया रद्द।
अभी पूरा आदेश नहीं आया है।।।
पूरा आदेश शाम तक अपलोड होगा।।
अब शाम को ही पता चल पाएगा कि हम लोगों को तत्काल प्रभाव से सेवा से हटना है या सुप्रीम कोर्ट में लंबित मामले के अंतिम निर्णय तक बने रहना है।।।
सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी के लिए तैयार रहें।।

उच्च_न्यायालय_का_आज_जूनियर_भर्ती_29334_का_आदेश

"पूर्व की भांति 15th और 16th संसोधन #उच्च_न्यायालय द्वारा #रदद। व् अब तक भरी गयी अयोग्य लोगो से #गुणाक_भर्तियां #जूनियर_29000,#बीटीसी15000#बीटीसी16000 तथा सभी #उर्दू_शिक्षक भर्तियां #सपा_सरकार की मूर्खता के कारण #रद्द होने की कगार पर।"
तथा न्यायालय द्वारा एस अल पी एलाउ कहा गया है।जिसका मतलब इसमे मित्र एस. के .पाठक की वो एस. एल.पी.भी हैं ज़िसमे सरकारी कर्मचारी और विधायक और सांसदो के बच्चे भी #प्राथमिक_विद्यालयों मे न्यायालय ने पढ़ाने का आदेश दिया था।
अब,कौन सी #SLP_ALLOWED हुई हैं। ये ऑर्डर देखने के बाद ही पता चलेगा। ऑर्डर लगभग २० पेज में है। जो की विश्लेष के बाद पूरी बात का पता चलेगा। एक बार आज फिर ये तय हो गया। "#सत्य परेशान हो सकता है,पराजित नहीं।"
#सपा_सरकार की आज सीजे बेच से एक और बड़ी हार हुयी। सपा सरकार ने लगभग #एक_लाख_परिवारो_व्_बच्चो का जीवन #बर्बाद कर दिया। केवल जाति विशेष को नोकरी देने के लिए।"
#टेट_सेना के मित्रो को अब तक किये गए संघर्ष के लिए तथा इस #विजय पर #हार्दिक_शुभकामनाय।"

सभी साथियों के साथ मुख्यमंत्री जी का उनके आवास पर घेराव करने की पूरी कोशिश किया गया

मित्रों जैसाकि आप जानते हैं कि धरना 29 नवंबर से अनवरत चल रहा है और संगठन के पदाधिकारी अपने स्तर से पूरी ईमानदारी से कोशिश भी कर रहे हैं।जब तक संगठन ने धरने की घोषणा नहीं किया था तब तक तो यह लग रहा था कि संगठन केवल घोषणा भर कर दे तो अनुदेशकों का मेला उमड़ पड़ेगा।मुझे यह कहने में तनिक भी संकोच नहीं हो रहा है कि धरने में अनुदेशकों की संख्या अत्यंत कम आ रही है।कहाँ गये वो लोग जो सोशल मीडिया पर संगठन के उपर उंगली उठाने में सबसे आगे रहते हैं।कुछ लोग तो खोजते रहते है कि तेजस्वी और अन्य पदाधिकारी कहाँ हैं आज संगठन उनको खोज रहा है तो उनका कहीं पता नहीं चल रहा है।फोन करने पर तरह तरह के बहाने बताए जा रहे हैं तो मैं यह कहना चाहूँगा कि धरना स्थल पर जितने लोग आये हैं उनका भी एक परिवार है,उनको भी ठण्डक लगती है, उनके लिए भी वही कुहरा है,उन्हें भी समाज में शादी ब्याह और अन्य निमंत्रण अटेंड करने हैं और उनके साथ भी नोटबंदी की वही समस्या है।
         मित्रों,संगठन ने धरना लगा दिया है और टेंट, माइक और बैठने की व्यवस्था भी कर दिया है।अब अगर इस जंग में हम,आप सबकी लापरवाही के वजह से पीछे रह जाते हैं तो निवेदन है सोशल मीडिया के जांबाजों से कि कभी भी संगठन को दोष देने की गलती मत करिएगा।संघर्ष के इस अंतिम सत्र में जो लोग ईमानदारी से संघर्ष कर ले रहे हैं वो मनवांछित चीज पा भी ले रहे है।संगठन के पदाधिकारी अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं और करते भी रहेंगे।आप लोग अगर अपने अपने घरों में छुप कर बैठे रह जाते है या अपने अपने प्रधानाध्यापक की सेवा में ही लगे रह जाते हैं तो अभी तो नहीं आने वाले दिनों में केवल पश्चाताप ही हाथ रह जायेगा।
           पदाधिकारियों से भी एक आग्रह है कि जो पदाधिकारी पद लेकर अपने पद के साथ न्याय नहीं कर पा रहे हैं मुझे लगता है कि अनुदेशक हित में उन्हें स्वेच्छा से अपना पद छोड़ कर किसी समर्पित अनुदेशक को आगे लाना चाहिए। अनुदेशक साथियों से भी अनुरोध है कि अपने जिले से प्रदेश पदाधिकारी,जिला कार्यकारिणी और ब्लाक कार्यकारिणी के पदाधिकारियों से भी यह पूंछना चाहिए कि वो संघर्ष में कितना साथ दे रहे हैं।अगर किसी कारण वश साथ नहीं दे पा रहे हैं तो पद लेकर ही क्यों बैठे हैं।
         मित्रों कल सभी साथियों के साथ मुख्यमंत्री जी का उनके आवास पर घेराव करने की पूरी कोशिश किया गया था लेकिन उनका लगातार स्वमी रामदेव के साथ कार्यक्रम होने के कारण यह पूरा न हो पाया लेकिन कल शुक्रवार को एकबार फिर से प्रयास किया जायेगा।आज से प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी शुक्ल,मैं भोला नाथ पाण्डेय, सुशील पाण्डेय(बुंदेलखंड जोन प्रभारी),सर्वेश द्विवेदी(जिला महामंत्री जौनपुर) भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं और आत्मदाह की चेतावनी भी दे दिया गया है। आत्मदाह की चेतावनी के बाद प्रशासन अत्यधिक सक्रिय हो गया है और माननीय मुख्यमंत्री जी से मुलाकात कराने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
         कल कुछ साथी(नेताजी लोग) धरना स्थल पर चोरी से यह देखकर खुश होने के लिए आये थे कि धरने में संख्या बल नहीं है।उन साथियों को शर्म आनी चाहिए कि अनुदेशकों के धरने को फ्लाप होते देखना चाहते हैं।आना है तो सडक के किनारे चोरी से नहीं बल्कि मंच तक आइए और सहयोग करिए जैसा कि उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने आगे बढ़कर किया था।सफलता मिलेगी तो सबको मिलेगी और अगर कदाचित कुछ गलत होता है तो वह सबके साथ ही गलत होगा।
           अंत में आप सबसे हाथ जोड़कर अनुरोध है कि चाकरी जैसे महत्वपूर्ण कार्य से दो दिन निकाल कर अपने अधिकार के लिए हो रहे संघर्ष में साथ दे दीजिए।वहाँ विद्यालय में समय देने पर आपको अपने प्रधानाध्यापक और अधिकारियों के नजदीक पंहुचाने और अच्छे ढंग से चाकरी करने का मौका मिलेगा जबकि यहाँ समय देने पर आप अपने अधिकारों के नजदीक जायेंगे और ससम्मान जीवन जीने का अच्छा मौका मिल सकता है।

-......तो निकलिए घरों से और पंहुचिए धरने में.....-

आपके संघर्षों का साथी
भोला नाथ पाण्डेय
प्रदेश महासचिव
9936451852(W)
उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, उ०प्र०

Wednesday, November 30, 2016

अनुदेशक भर्ती में वेबसाइट का ‘ब्रेक’, आवेदन पत्र में संशोधन के लिए नहीं खुल रही वेबसाइट

इलाहाबाद : बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में खेलकूद एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशक भर्ती के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी इन दिनों बेहद परेशान हैं। ऑनलाइन भरे आवेदन पत्र में संशोधन के लिए 
वेबसाइट नहीं खुल रही है। दो दिन बीत जाने के बाद बुधवार को संशोधन करने की अंतिम तारीख है। ऐसे में अभ्यर्थी परेशान हैं कि अब इसका समाधान कैसे निकले। प्रदेश भर में परिषद की ओर से संचालित उच्च प्राथमिक विद्यालयों में खेलकूद तथा शारीरिक शिक्षा के अंशकालिक 32022 अनुदेशकों की संविदा पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। इसका आदेश शासन ने 19 सितंबर को जारी किया। भर्ती के लिए 24 अक्टूबर से वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन लिए गए। परिषद ने पंजीकरण करा चुके अभ्यर्थियों को 19 नवंबर तक ई-चालान के जरिए फीस जमा करने व 22 नवंबर की शाम पांच बजे तक आवेदन पूर्ण करने की मियाद बढ़ा दी। इस दौरान एक लाख 54 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। परिषद ने ऑनलाइन आवेदन पत्र में संशोधन करने के लिए अभ्यर्थियों को 28 से 30 नवंबर शाम पांच बजे तक का मौका दिया है। पहले दो दिन तक अभ्यर्थी इस आस में चुप रहे कि वेबसाइट खुल जाएगी, लेकिन मंगलवार शाम तक बड़ी संख्या में युवा परेशान रहे। बुधवार को संशोधन की अंतिम तारीख है। यदि वेबसाइट नहीं खुलती है तो तारीख बढ़ाने के सिवा कोई चारा नहीं होगा।

Tuesday, November 29, 2016

Monday, November 28, 2016

अनुदेशक भर्ती में फर्जीवाड़े का किया विरोध

अनुदेशकों की भर्ती के लिए पूरी हुई आवेदन प्रक्रिया में फर्जी डिग्रीधारियों को बाहर करने के लिए बीपीएड बेरोजगार संघ ने विरोध शुरू कर दिया है। सोमवार को शहीदपार्क में आयोजित हुई बैठक में फर्जीवाड़े के 
खिलाफ नाराजगी जताई गई। वहीं फर्जी आवेदकों को प्रक्रिया से बाहर करने के लिए शिक्षा संकुल भवन में बीएसए को ज्ञापन सौंपा।
शहीद पार्क में हुई बैठक में बोलते हुए जिलाध्यक्ष कुसुमलता ने कहा कि अभी तक पात्र आवेदकों को नियुक्ति नहीं मिल पाई है। ऐसे में फर्जी आवेदकों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं पूर्व से नियुक्त हुए अनुदेशकों द्वारा दुबारा आवेदन करना भी साथियों के साथ अन्याय करने के समान है। बैठक में पदाधिकारियों ने आवेदन प्रक्रिया में हुए प्रत्येक आवेदन की गहनता से जांच करने और फर्जी आवेदकों और दोहरे आवेदन करने वाले डिग्रीधारियों को बाहर का रास्ता दिखाने की कार्रवाई की जाए ताकि पात्र आवेदकों को चयन में स्थान मिल सके। अपनी मांगों को लेकर बीपीएड बेरोजगारों ने शिक्षा संकुल भवन पर पहुंच कर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शौकीन ¨सह यादव को ज्ञापन सौंपा।
इस मौके पर रवि कुमार, दीपक यादव, जितेंद्र पाल, वंदना, अजीत, धनीश यादव, विजय कुमार, रेखा, सचिन कुमार, सुरेखा, दिव्या समेत काफी संख्या में संघ के पदाधिकारी और बीपीएड बेरोजगार मौजूद थे।

सरकारी कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, अब सभी संविदा कर्मियों को "समान काम-समान वेतन" देने की तैयारी में पंजाब

पंजाब सरकार बेसिक सैलरी पर काम कर रहे कर्मचारियों, ठेका आधारित कर्मचारियों, कच्चे और एडहॉक कर्मचारियों को 'समान काम-समान वेतन' देने की तैयारी कर रही है। इससे राज्य के करीब एक लाख 
कर्मचारियों को लाभ होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 26 अक्टूबर के एक मामले में फैसला सुनाया था कि बराबर काम पर बराबर सैलरी दी जाए।
फैसले से एक लाख कर्मचारियों को होगा फायदा, सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे आदेश
इस मामले पर पंजाब के मुख्य सचिव सर्वेश कौशल के नेतृत्व में अधिकारियों की बैठक हो चुकी है। बैठक के बाद वित्त विभाग ने एक पत्र जारी कर सभी विभागों को आदेश दिए हैं कि वे उन सभी कर्मचारियों का विवरण भेजें जो बेसिक सैलरी पर काम कर रहे हैं। अन्य कर्मचारियों की जानकारी भी भेजी जाए, जिन्हें पूरे काम के बावजूद पूरी सैलरी नहीं दी जा रही है।

किस वर्ग से कितने कर्मचारी
इन कर्मचारियों में वे 30 हजार कर्मचारी भी शामिल हैं, जिन्हें पक्का करने के लिए पंजाब सरकार अगले हफ्ते ऑर्डिनेंस जारी कर सकती है। इसके अलावा 50 हजार वे कर्मचारी हैं, जो पिछले साल और इस साल भर्ती किए गए थे। वहीं, ठेका आधारित, एडहॉक और कच्चे तौर पर काम करने वाले 20 हजार कर्मचारी भी हैं। जिन कर्मचारियों की नई भर्ती की जानी है, उनको भी पूरी तनख्वाह दी जाएगी। यह कर्मचारी कम वेतन के कारण काफी तंगी से गुजर रहे हैं।
10 साल से मामूली तनख्वाह पर कर रहे काम
पंजाब सरकार ने साल पहले यह फैसला किया था कि नए भर्ती हुए कर्मचारियों को तीन साल के लिए बेसिक सैलरी दी जाएगी। इससे पहले दो साल के लिए बेसिक सैलरी दी जाती थी। 25 अक्टूबर को पंजाब मंत्रिमंडल ने 30 हजार कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने का फैसला किया था और कहा था कि इन्हें 3 साल के लिए बेसिक सैलरी दी जाएगी। इनमें से बहुत से कर्मचारी ऐसे भी हैं, जो 10 साल से मामूली तनख्वाह पर काम कर रहे हैं।
20 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार बनाम जगजीत सिंह केस में यह फ़ैसला दिया था कि पंजाब सरकार भी इसे लागू करे।