Thursday, November 24, 2016

न्यूनतम वेतनमान और अलाउंसेस को लेकर हुई बैठक, मिले अच्छे संकेत

केंद्रीय कर्मचारियों को नरेंद्र मोदी सरकार ने सातवें वेतन आयोग का तोहफा तय साल में ही दे दिया. जुलाई के अंतिम हफ्ते में कैबिनेट की बैठक में वेतन आयोग के प्रस्ताव को सरकार ने लगभग पूरी तरह स्वीकार 
कर लिया. 1 जनवरी 2016 से इस आयोग की रिपोर्ट को लागू करने की बात सरकार ने अपने कर्मचारियों से कही. इसके बाद कर्मचारियों के वेतन बढ़ने की प्रक्रिया शुरू हो गई.

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के संगठनों ने न्यूनतम वेतनमान और फिटमेंट फॉर्मूला पर आपत्ति जताई और अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तारीख घोषित कर दी. सरकार ने कर्मचारी नेताओं से बातचीत कर चार महीने का समय मांगा और फिर दोनों पक्षों के बीच बातचीत का दौर शुरू हुआ.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कर्मचारी नेताओं और सरकार के बीच हुई बातचीत में अलाउंस  के मुद्दे पर कुछ प्रगति हुई है, लेकिन न्यूनतम वेतनमान का मुद्दा जस का तस बना हुआ है. सूत्र बता रहे हैं कि सरकार अलाउंसेस के मुद्दे पर कर्मचारियों की कुछ मांगों को मानने को तैयार हो गई है, लेकिन न्यूनतम वेतनमान में बढ़ोतरी की  बात पर सरकार की ओर से अधिकृत अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

सूत्र बता रहे हैं कि कर्मचारी नेताओं ने सरकार से सातवें वेतन आयोग द्वारा समाप्त किए गए तमाम अलाउंसेस में से कई को फिर चालू करने की मांग की है. सरकार कुछ अलाउंसेस को फिर चालू करने को तैयार भी हो गई है, लेकिन मामला कुछ ही आगे बढ़ा है. कर्मचारी नेताओं ने सरकार से मांग की है कि यह अलाउंस पिछले 100 सालों से भी ज्यादा समय से दिए जा रहे हैं और इन्हें एकाएक बंद करना ठीक नहीं है. उनका कहना है कि सरकार हर विभाग से इस बारे में राय ले. विभाग अपने कर्मचारी यूनियनों के साथ बैठक कर इस मामले पर कोई निर्णय लें.

इस बारे में एनडीटीवी ने जब ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के सेक्रेटरी जनरल और कर्मचारी यूनियनों के संयुक्त संगठन एनजेसीए के संयोजक शिवगोपाल मिश्रा संपर्क किया तो उनका कहना था कि मीटिंग में अभी तक कुछ ठोस नहीं निकला है. अलांसेस पर मिश्रा ने बताया कि सरकार ने हमसे इस बारे में राय मांगी थी. हमने अपनी बात सरकार के समक्ष रख दी है. ऐसा लगता है कि सरकार कुछ मांगों के स्वीकार करने को तैयार है.

जहां तक न्यूनतम वेतनमान में वृद्धि की बात है कि इस मुद्दे पर सरकार और कर्मचारी नेताओं के बीच दो बार बैठक हो चुकी है. एक बैठक फॉर्मल थी यानि तय मुद्दा था और दूसरी बैठक में कर्मचारियों ने यह मुद्दा खुद ही उठाया था.

कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वह अभी सरकार पर ज्यादा दबाव बनाने के पक्ष में नहीं हैं क्योंकि इस समय केंद्रीय कर्मचारियों के साथ देश का आम नागरिक नोटबंदी के कारण काफी दिक्कतों का सामना कर रहा है. उन्होंने सरकार का धन्यवाद भी दिया कि उन्होंने नोटबंदी से लाइन में लगे कर्मचारियों के हित में निर्णय लिया. इससे कर्मचारियों को काम करने में आ रही दिक्कतें कम होंगी और वे लाइन में लगे रहने के बजाय अपने काम को और बेहतर तरीके से अंजाम दे सकेंगे.

कई मुद्दों में एक मुद्दा डिसेबिलिटी पेंशन को लेकर भी उठा. अब सरकार की ओर जारी पत्र संख्या एफ.नं. ll/2/2016-जेसीए(पीटी) के जरिए कहा गया है कि सेना में डिसेबिलिटी पेंशन में बताई गईं अनोमली के लिए बैठक बुलाई गई है. यह बैठक 1 दिसंबर 2016 के लिए तय की गई है. इस  बैठक की अध्यक्षता सचिव (पी) करेंगे. बैठक का समय 11 बजे निर्धारित किया गया है. यह मीटिंग नॉर्थ ब्लॉक में होगी.

हाल ही में कर्मचारी नेताओं ने वित्तमंत्री अरुण जेटली को चिट्ठी लिखकर अपनी बातें साफ तौर पर रख दी हैं. अपनी चिट्ठी में कर्मचारी नेताओं ने 30 जून 2016 को वित्तमंत्री अरुण जेटली से हुई बातचीत का हवाला भी दिया है. कर्मचारी नेताओं ने कहा है कि उस समय 11 जुलाई 2016 को प्रस्तावित कर्मचारियों की हड़ताल को टालने के लिए सरकार की ओर से यह प्रयास किया गया था.

इस दौरान वित्तमंत्री जेटली, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री सुरेश प्रभु और केंद्रीय मंत्री मनोज सिन्हा के साथ इस बैठक में कर्मचारी नेताओं ने साफ कहा था कि सातवें वेतन आयोग में न्यूनतम वेतनमान और फिटमेंट फॉर्मूले से कर्मचारी बुरी तरह आहत हैं.

सर्व शिक्षा अभियान में खुले 3.63 लाख स्कूल

सर्व शिक्षा अभियान में खुले 3.63 लाख स्कूल

संविदा भर्ती में एक पद पर पांच दावेदार, अनुदेशक नियुक्ति प्रकरण में 32 हजार पदों के लिए एक लाख 54 हजार से अधिक अभ्यर्थी

इलाहाबाद : आमतौर पर सरकारी महकमों में तैनाती पाने के लिए भारी भीड़ उमड़ती रही है। छोटे पदों पर भी बड़ी डिग्रियों वाले युवाओं में दावेदार बनने में कोई हिचक नहीं होती थी। कुछ ऐसा ही हाल प्रदेश में हो रही 
शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों की भर्ती में सामने आया है। इसमें नियमित नौकरी और न उम्दा भुगतान फिर भी दावेदारों की भरमार है। 32 हजार पदों पर नियुक्ति पाने को एक लाख 54 हजार से अधिक दावेदार सामने आए हैं। हर पद पर करीब पांच दावेदारों की दस्तक से चयन प्रक्रिया बेहद कड़ी हो गई है। 1प्रदेश भर में परिषद की ओर से संचालित उच्च प्राथमिक विद्यालयों में खेलकूद तथा शारीरिक शिक्षा के अंशकालिक 32022 अनुदेशकों की संविदा पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई है। इसका आदेश शासन ने 19 सितंबर को जारी किया। इसमें बीपीएड, डीपीएड, सीपीएड व अन्य समकक्ष योग्यताधारी अभ्यर्थियों से आवेदन मांगे गए थे। बीते 24 अक्टूबर से 22 नवंबर तक ऑनलाइन आवेदन लिए गए। इसमें एक लाख 80 हजार 950 युवाओं ने पंजीकरण कराया और एक लाख 54 हजार 216 ने आवेदन किया। जिसमें 8625 विकलांग हैं। नियुक्ति के लिए काउंसिलिंग दिसंबर में होने के आसार हैं। तैनाती पाने के लिए इसमें कड़ा मुकाबला होगा। शुरुआत में यह उम्मीद थी कि एक भर्ती पहले हो चुकी है, इसलिए दावेदार कम होंगे। साथ ही इसमें तैनाती 11 माह के लिए होनी है और सात हजार मानदेय मिलेंगे।
मानक बदलते ही बढ़ी संख्या : बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पहले भी शारीरिक शिक्षा अनुदेशकों की एक भर्ती हो चुकी है। उस समय 100 से अधिक छात्र संख्या वाले 13 हजार 500 स्कूलों में नियुक्ति हुई थी। इस बार उन स्कूलों में तैनाती हो रही है, जहां पर छात्र संख्या 100 से कम है। इसीलिए ऐसे विद्यालयों की तादाद बढ़कर 32022 हो गई है।128 से ऑनलाइन संशोधन : अनुदेशक भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन करने वाले युवा अब आवेदन पत्र में संशोधन 28 से 30 नवंबर शाम पांच बजे तक कर सकेंगे। एनआइसी से अभ्यर्थियों की सूची आने के बाद परिषद की ओर से भर्ती को अगले आदेश जारी होंगे।

अनुदेशक भर्ती में बढ़े 12 हजार नए दावेदार, उच्च प्राथमिक स्कूलों में 32 हजार अंशकालिक भर्ती का मामला, शुल्क जमा करने की बढ़ी थी मियाद आवेदन प्रक्रिया भी पूरी

बेसिक शिक्षा परिषद के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में खेलकूद एवं शारीरिक शिक्षा अनुदेशक भर्ती के लिए आवेदन करने की समय सीमा मंगलवार शाम पांच बजे पूरी हो गई। परिषद ने ई-चालान से शुल्क जमा करने व 
ऑनलाइन आवेदन करने की मियाद बढ़ाई थी। इसमें शुल्क जमा करने वालों की संख्या महज 2100 ही बढ़ी, वहीं 12 हजार से अधिक नए आवेदक सामने आए हैं।
प्रदेश भर में परिषद की ओर से संचालित उच्च प्राथमिक विद्यालयों में खेलकूद तथा शारीरिक शिक्षा के अंशकालिक 32022 अनुदेशकों की संविदा पर नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है। इसका आदेश शासन ने 19 सितंबर को जारी किया। भर्ती के लिए 24 अक्टूबर से वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन लिए गए। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख नौ नवंबर, ई-चालान फार्म द्वारा बैंक आवेदन शुल्क जमा करने की अंतिम तारीख 11 नवंबर एवं चालान भरते हुए आवेदन पत्र पूर्ण करने की अंतिम तारीख 15 नवंबर को शाम पांच बजे तय की गई थी। अंतिम दिनों में बड़ी संख्या में युवाओं ने पंजीकरण कराया। इसीलिए संख्या एक लाख 80 हजार 950 पहुंच गई। इस बीच नोटबंदी की वजह से ई-चालान आदि में अभ्यर्थियों को परेशानी हुई। यह मामला वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष पहुंचा तो उन्होंने निर्देश जारी किए।
परिषद ने पंजीकरण करा चुके अभ्यर्थियों को 19 नवंबर तक ई-चालान के जरिए फीस जमा करने व 22 नवंबर की शाम पांच बजे तक आवेदन पूर्ण करने की मियाद बढ़ाई। परिषद सूत्रों की मानें तो ई-चालान से शुल्क जमा करने वालों की संख्या में बहुत अंतर नहीं आया, बल्कि 2100 नए युवाओं ने धनराशि जमा की, लेकिन आवेदकों की संख्या 12 हजार से अधिक बढ़ी है। ज्ञात हो कि मियाद बढ़ने के पहले एक लाख 42 हजार अभ्यर्थी आवेदन कर चुके थे, इधर छह दिनों में यह संख्या अब बढ़कर एक लाख 54 हजार 216 हो गई है, इसमें 8625 विकलांग आवेदक भी हैं। फिलहाल अब आवेदन की समय सीमा बढ़ने के आसार नहीं है। ऑनलाइन आवेदन पत्र में संशोधन अब अभ्यर्थी 28 से 30 नवंबर शाम पांच बजे तक होगा। एनआइसी से अभ्यर्थियों की सूची आने के बाद परिषद की ओर से भर्ती के लिए अगले आदेश जारी होंगे।

बस विफलता मिल रही है ..

नमस्कार साथियो ..
🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
मेरे अनुदेशक भाईयों एवं बहनें...
जैसा आप सभी को ज्ञात है कि संगठन हम सभी को हमारे अधिकार दिलाने के लिये अथक प्रयास करता आ रहा है....
बस विफलता मिल रही है ..तो सिर्फ़  हमारी  और आप की अल्प उपस्थिति के कारण....
साथियों आप सभी से विनती है एक अंतिम सहयोग करें ....
29 नवंबर को इतिहास बना दें....
साथियों  सरकार संख्या देखना चाहती है ....आओ दिखा दे हम अपना दम....





आज चूक गये तो ....जिंदगी भर सिर्फ़  8470 की मजदूरी मिलेगी...

अभी नही साथियों  तो कभी नहीं ....
👭👫👬👬👬👬👬👬👬👬
अनुदेशक एकता जिंदाबाद.....




बोल अनुदेशक हल्ला बोल.....




चलो
चलो
चलो
चलो
    29 नवंबर 2016
लक्ष्मन मेला मैदान लखनऊ......


मुकेश सिंह तोमर
_प्रदेश मंत्री
उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेल.ऐशो⁠⁠⁠⁠

तेजस्वी शुक्ला जी के पोस्ट का चन्द लाइनो में उत्तर

तेजस्वी शुक्ला जी के पोस्ट का चन्द लाइनो में उत्तर
...घटिया गंदी राजनीति से चार कदम आगे.....
   
       
         याद होगा तेजस्वी जी दिल्ली का धरना रखा था तो उसी समय पर इन्होंने (मतलब राकेश पटेल)लखनऊ में धरना लगा लिया था उसका फायदा  यह मिला कि तेजस्वी जी दिल्ली में नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव के आवास का घेराव किया और उनसे पैब में 25000 रूपए का प्रस्ताव भेजवाने की सहमति बना लिया था।उनके द्वारा प्रमुख सचिव बेसिक को फोन भी करवा दिया गया था लेकिन उसी समय उस दबाव को कैश कराते हुए इस संगठन ने प्रमुख सचिव से मुलाकात करके उपलब्धि को अपने खाते मे कराने के लिए लिखित रूप से मानदेय ₹15000/- का प्रस्ताव पैब में भेजने पर सहमति बनाकर चले आये और प्रमुख सचिव बेसिक की हैसियत दखिये कि मुलायम सिंह यादव जी की बात को काटकर राकेश पटेल की बात को ऊपर रख लिया।।
उसी समय इनके प्रतिनिधि मण्डल ने वाहवाही लूटने के लिए एक दो ऐसे आदेश ले लिए जो आज हमारे भविष्य के लिए अत्यंत नुकसान दायक बन गया है।
       इन्होंने उस समय एक आदेश करवाया था जिसमें संविदा के अलावा हम सबसे कोई कार्य न लेने का आदेश दिया गया है।मित्रों बिना किसी राजनीति के,दिल पर हाथ रखकर बता दीजिए कि उस आदेश के बाद से आपसे संविदा से इतर कार्य लिया जा रहा है या नहीं लेकिन वही आदेश आज समान कार्य के लिए समान वेतन की रिट में हम लोगों के लिए काल बनने जा रहा है और यह सम्भव है कि वह आदेश ही इस रिट में हमारे खिलाफ सरकार का सबसे बडा हथियार बनेगा।
अब कोई तेजस्वी जी को ये समझाये कि आप शासनादेश ध्यान से पढ़ ले जिसमे कम से कम एक सप्ताह 24 कलांश पढ़ाना अनिवार्य है ये सबसे बड़ा हथियार शासनादेश में अनुदेशको के पास है और बढ़िया सर्विश मैटर के खासतौर पर शिक्षा जगत के नामी गिरामी वकील से मिलो ओ बतायेगा की कैसे हकदार हो।
     इन्होंने उस समय एक और आदेश लिया कि समय से भुगतान हो तो यह तो आप सब भी जानते होंगे कि कितने समय से मानदेय मिलता है।इसमें मुझे कुछ कहने की आवश्यकता ही नहीं है।
 मुझे बस यही कहना है कि ससमय उपस्थिति पहुचा दिया करो जनपद पर और भुगतान करा लिया करो।।
उसी आदेश का असर है कि फरवरी 2017 तक का बजट का मानदेय का जनपदों पर भेज दिया गया है।।
          पिछली बार हमारे संगठन ने जब 4 अक्टूबर को विधान सभा घेराव का कार्यक्रम घोषित कर दिया तब इनके प्रदेश अध्यक्ष जी ने बीच में कूद कर 27 सितंबर से धरना रख लिया।हमने विधान सभा का घेराव किया भी(ईश्वर और लखनऊ में उपस्थित अनुदेशक उस घेराव की सच्चाई जानते है)और पुलिस द्वारा लाठी चार्ज भी किया गया(जिसका सत्यापन कपडा उतार कर फ़ोटो पदाधिकारियो द्वारा देखने को मिला था) और थाने पर भी ले जाकर बंद भी किया गया जिसको हमें प्रमाणित करने की जरूरत नहीं है क्योंकि समाचार पत्रों ने पूरे प्रदेश में इस खबर को प्रमुखता से छापा था(हा हा हा) स्तित्व बचाने के उस विधान सभा का घेराव हम सब किये और लाभ लेने के लिए ही इन लोगों ने धरना रखा था और वही हुआ भी।जिस प्रमुख सचिव से स्थानांतरण पर तेजस्वी जी की हवा में सहमति बन गयी थी जिसे मैं बार बार लिखकर आप सबको अवगत भी करा रहा था लेकिन मै करा नही पाया ,उसी प्रमुख सचिव से राकेश पटेल प्रदेश अध्यक्ष ने जल्दबाजी में अपनी उपलब्धि दिखाने के लिए पारस्परिक स्थानांतरण की मांग कर लिया जिसे जारी करना काफी आसान था।फिर भी लगभग साढ़े 3 सालो तेजस्वी जी नही करा पाये,आप लोग ईमानदारी से बताएं कि पारस्परिक स्थानांतरण से कितने प्रतिशत लोगों को लाभ मिला है।मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि एक प्रतिशत लोगों को तो लाभ  मिला है।जबकि अनुदेशकों की पूरी संख्या का पचास प्रतिशत से भी ज्यादा लोग स्थानांतरण चाहते है लेकिन घर बैठे।।
         मित्रों  आदेश लेकर उपलब्धियों की गिनती कराना होता तो शायद तेजस्वी जी के संगठन की उपलब्धियों की एक लंबी कतार होती।लेकिन बहुत खेद के साथ सूचित करना पड़ रहा है इन 4 सालो में तेजस्वी जी ज्ञापन जनपद पर दिलवा,फ़ोटो खिंचवाने के बाद कुछ कर नही पाये, लेकिन तेजस्वी जी ने कभी समझौता नहीं किया 55 दिन के धरने में समायोजन की मिठाई भी खाई और कभी भी गलत या बिना मतलब की मांगे नहीं रखी एक ही माँग रखी समायोजन का और आगे भविष्य में भी नहीं रखेंगे।तेजस्वी जी की मांगे सदैव ठोस रही है और आगे भी ठोस ही रहेगी(समायोजन) इसलिए हिलती डुलती भी नही है।जिसे जितनी उपलब्धियां गिनाना हो गिना लें।तेजस्वी जी की मांग जिस दिन पूरी होगी उसी दिन से अनुदेशकों को सम्मान मिलना शुरू हो जायेगा।
 लेकिन पता नही वो दिन कब आयेगा??
        सभी मुद्दों पर तेजस्वी अध्यक्ष जी सदैव आप सबको बेवकूफ बनाते रहे हैं,हालांकि मैं कभी भी इस तरह की फालतू बातों में नहीं पड़ना चाहता था लेकिन इतनी गंदगी के बाद सत्यता से आपको अवगत कराना अत्यंत आवश्यक है। तो मैं आपको यह बताना चाहूँगा कि अपर राज्य परियोजना निदेशक ने राकेश पटेल के जनसुनवाई पोर्टल पर अपना पीछा छुड़ाने को घुमाकर उत्तर दिया है ।मैं चाहता हूँ कि इसका अवलोकन आप सब भी करें और आगे अपनी सोचने समझने की क्षमता को बढ़ाये।।
  कि जनसुनवाई पोर्टल एक शिकायत का माध्यम होता है जिसपर अधिकारी की सफाई है जिसको अन्यथा में घुमा कर अनुदेशको को गुमराह किया जा रहा है।।

तेजस्वी जी से आग्रह है आप कृपया अपने माँग समायोजन पर अटल रहे बिलकुल विचलित न होइएगा।।
याद रहे तेजस्वी भैया
 आपने कई जनपदों की बैठक में इस सत्र 2016 में समायोजित कराने के लिए अपने बच्चों के सर की कसम खायी है
     प्राण जाये पर वचन न जाये।।

  

क्रान्तिकारी तबीयत के अनुदेशक साथियों

क्रान्तिकारी तबीयत के अनुदेशक साथियों आगामी 29 नवम्बर से अनुदेशक हित मे प्रारम्भ हो रहे अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन को सफल बनाने हेतु आप सभी साथी एक नये जोश और जुनून के साथ लक्ष्मण मेला मैदान अवश्य पहुँचे और अपनी ताकत का परिचय देते हुए इस सरकार को दिखा दीजिये की एक अनुदेशक जब पिछले तीन वर्ष से विद्यालय का विकास कर सकता है तो प्रदेश का अनुदेशक एक साथ मिलकर कितना हाहाकार मचा सकता है इसका अन्दाजा शायद इस सरकार को नहीं है ,इस लिय साथीयों इस सरकार मे ये अंतिम धरना है और इस चुनावी वर्ष मे हमें अपना अधिकार प्राप्त करना ही है किसी भी सूरत मे ,तो कमर कस लीजिये और दिखा दीजिये अपनी शक्ति शासन और प्रशासन को !
दिनांक-29/नवम्बर/2016
संघर्ष स्थल-लक्ष्मण मेला मैदान,लखनऊ
आयोजक-उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एशो.उत्तर-प्रदेश
       आपका साथी
विशाल श्रीवास्तव
प्रदेश सचिव
9454679634(W)

न्यूनतम वेतनमान 5200-20200 की जगह 15000-60000 रूपये होगा, अब यह होगा अनुशंसा के आधार पर वेतनमान

7th Pay Commission: न्यूनतम वेतनमान 5200-20200 की जगह 15000-60000 रूपये होगा, फिटमेंट कमेटी की रिपोर्ट में की गयी अनुशंसा,  अब यह होगा अनुशंसा के आधार पर वेतनमान



रांची: सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं के आलोक में राज्य सरकार के कर्मचारियों को दिये जानेवाले नये वेतन में उन्हें पांच हजार रुपये से 30 हजार रुपये तक का ग्रेड पे मिलेगा. साथ ही हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए) को संशोधित करते हुए  अलग-अलग शहरों के लिए मूल वेतनमान का आठ प्रतिशत से 24 प्रतिशत तक सीमित कर दिया जायेगा.  सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी देवाशीष गुप्ता की अध्यक्षता में गठित फिटमेंट कमेटी की रिपोर्ट में इस बात की अनुशंसा की गयी है. साथ ही इन अनुशंसाओं को लागू होने पर वेतन भत्ता मद में सालाना 2909 करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान किया गया है. नया वेतनमान जनवरी 2016 से देय होगा. समिति ने अपनी रिपोर्ट मंगलवार की शाम मुख्यमंत्री को सौंपी थी.  रिपोर्ट बुधवार को आवश्यक कार्रवाई के लिए वित्त विभाग के हवाले कर दिया गया. फिटमेंट कमेटी की अनुशंसाओं के आलोक पे बैंड-1 के कर्मचारियों का वेतनमान 5200 से 20,200 रुपये है. उनका नया वेतनमान 15,000-60,000 और ग्रेड पे पांच हजार से 8,500 रुपये तक होगा. पे बैंड-2 के कर्मचारियों का वेतनमान 9,300 से 34,800 के बदले 30,000 से 1,00,000 रुपये होगा और अलग-अलग स्तर पर ग्रेड पे 10 हजार,13 हजार 500 और 16 हजार रुपये तक होगा. पे बैंड-3 के कर्मचारियों का वेतनमान 50 हजार से 1.50 लाख  और ग्रेड पे 13 हजार से 16 हजार 500 से 23 हजार रुपये होगा. पे बैंड-4 में आनेवाले कर्मचारियों का वेतनमान 1,00,000-2,00,000 और ग्रेड पे अलग-अलग स्तर पर 26 हजार,27 हजार और 30 हजार रुपये होगा. रिपोर्ट के अनुसार पेंशन भोगियों को दो श्रेणी में बांटा जायेगा. जनवरी 2016 से पहले और बाद में सेवानिवृत्त होनेवाले कर्मचारी. सातवें वेतनमान की अनुशंसा का लाभ पेंशन भोगियों को भी मिलेगा. रिपोर्ट में एचआर की सीमा अलग-अलग आबादी वाले शहरों के लिए आठ प्रतिशत, 16 प्रतिशत और 24 प्रतिशत करने की अनुशंसा की गयी है. फिटमेंट कमेटी की अनुशंसाओं को कैबिनेट की सहमति के बाद लागू किया जायेगा. पे-बैंड-1 के लिए अनुशंसा वर्तमान वेतनमान- ग्रेड पे सातवां वेतनमान-ग्रेड पे 52,00 से 20,200-1800 15,000से60,000-5,000 52,00से20,200-1900 15,000से60,000-5,500 52,00से20,200-2,000 15,000से60,000-6,500 52,00से20,200-2,400 15,000से60,000-7,500 52,00से20,200-2,800 15,000से60,000-8,500   पे-बैंड-2 के लिए अनुशंसा वर्तमान वेतनमान- ग्रेड पे सातवां वेतनमान-ग्रेड पे 93,00से34,800-4,200 30,000से1,00,000-10,000 93,00से34,800-4,600 30,000से1,00,000-13,500 93,00से 34,800-4,800 30,000से1,00,000-15,000 93,00से 34,800-5,400 30,000से1,50,000-16,000   पे-बैंड-3 के लिए अनुशंसा वर्तमान वेतनमान- ग्रेड पे सातवां वेतनमान-ग्रेड पे 15,600 से39,100-5,400 50,000से 1,50,000-16,500 15,600 से39,100-6,600 50,000से1,50,000-20,000 15,600 से39,100-7,600 50,000से1,50,000-23,000 15,600 से39,100-6,600 50,000से1,50,000-20,000 15,600 से39,100-7,600 50,000से1,50,000-23,000   पे-बैंड-4 के लिए अनुशंसा वर्तमान वेतनमान- ग्रेड पे सातवां वेतनमान-ग्रेड पे 37,000 से 67,000-8,700 1,00,000 से2,00,000-26,000 37,000 से 67,000-8,900 1,00,000 से2,00,000-27,500 37,000 से 67,000-10,000 1,00,000 से2,00,000-30,000 37,000 से 67,000-12,000 1,00,000 से2,00,000-30,000

Tuesday, November 22, 2016

राज्य परियोजना कार्यालय निशांतगंज लखनऊ पर होने वाले अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन/आमरण अनशन को अभी स्थगित किया जाता है

प्रदेश कार्यकारणी एवम् जिलाध्यक्षओ के विचार विमर्श के उपरान्त.......
  " पूर्व माध्यमिक अनुदेशक कल्याण समिति ऊoप्रo के तत्वाधान में 29 नवंबर 2016 से राज्य परियोजना कार्यालय निशांतगंज लखनऊ पर होने वाले अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन/आमरण अनशन को अभी स्थगित किया जाता है"
   
       सभी प्रदेश/जिलाध्यक्ष/जनपद/ब्लॉक पदाधिकारी एवम् अनुदेशक साथी संघर्ष वर्ष के इस अंतिम पड़ाव में तैयारी बनाये रखे 28 को शासन में पैरवी के उपरान्त जल्द आगामी योजना को बताया जायेगा,किसी भी स्थिति,परिस्थिति या संघर्ष के लिए सभी कमर कस कर तैयार रहे।।

                          धन्यवाद

    आपका
राकेश पटेल"सिंटू"
  प्रदेश अध्यक्ष
पू.मा.अनुदेशक कल्याण समित उ.प्र.
 9455788206

सामर्थ और अथक प्रयास

सामर्थ और अथक प्रयास
एक दिशा में एक जगह 29 नवम्बर लक्ष्मण मेला मैदान
क्या क्यों किस लिए बताने की आवश्यकता नही समझता सभी बुद्धजीवी प्रबुद्ध समृद्ध और लक्ष्य केंद्रित भाव लेकर आखिरी प्रयास मानते हुए इस् चुनावी दौर के लाभ हेतु अपना और अपने परिवार् की सुख समृद्धि के लिए
एक साथ एक जगह लक्ष्मण मेला मैदान पहुचेंगे ऐसा हमे विश्वास है

अन्य संघर्षशील संगठन एवं रणनीतिकारों से पूर्ण अपेक्षा करता हूँ के वो अन्य को किसी भी प्रकार से भ्रमित न करते हुए आखिरी प्रयास में साथ देकर अपनी राजनीति को जिंदा रखने का प्रयास करेंगे
क्योंकि अभी तक के समस्त प्रयासों से सभी अवगत है
परिणाम हो भी आया वो राजनीती के अंतर्गत खो गया जिससे अनुदेशक पूरी तरह संतुष्ट नही हुए

इस् सत्र का अंतिम आवाहन 29 नवम्बर 2016 स्थान लक्ष्मण मेला मैदान लखनऊ उच्च प्राथमिकअनुदेशक शिक्षक वेलफेयर असोशिएशन उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में
आप सभी की उपस्तिथि अति अनिवार्य है


बुद्धजीवी वर्ग अपना सभी अच्छा बुरा अच्छे से जानते समझते है
साथ दें साथ दें साथ दें सार्थक प्रयास का साथ दें
अपने अपनों का साथ दें
अपने आने वाले कल को सवारने के लिए साथ दें

आभार धन्यवाद होगा
सभी के सहयोग की अपेक्षा करता हूँ
डीके तिवारी
प्रदेश शोसल मिडिया प्रभारी
UPASWA U.P

अनुदेशक को कमजोर करने वाले कैन्सर को देखिये जरा

अनुदेशक को कमजोर करने वाले कैन्सर को देखिये जरा

मै हैरान हूँ कि और कितना नुकसान पहुँचायेगा कल्याण वास्तव में कल्याण नें अनुदेशको को कमज़ोर करके रख दिया है इसे लडने का भी नही पता आखिर करु क्या?  क्या मांगू?  बिना पेंदी के लोटे की तरह लुढ़कता जा रहा इतना गन्दा होने पर आधा वजूद खो जाने पर महासचिव वैभव राणा ने सही कहा था कि घटिया राजनीति के अलावा कुछ नही करती कल्याण समिति।

एक नजर इसके घिनौने कृत्यो की ओर
1- यह आदेश ले आया कि अनुदेशको से अन्य कार्य न लिये जाये और आज मुद्दा बना रहा समान कार्य समान वेतन....  राज्य सरकार देगी वही जवाब कि हमने पत्र जारी किया है इतर कार्य न लिये जाये..... बंटाधार कर चुका

2- यह आदेश ले आया पारस्परिक स्थानान्तरण कोई फायदा किसी को नही मिला मांग थी स्थानांतरण....  लुढका दिया लोटा...

3- समय से मानदेय का भुगतान हो क्या हुआ खुद के जिले से लेकर सभी जगह की स्थिति पता देखो...

वास्तव में घिनौनी राजनीति के अलावा कुछ नही
राजनीति में अंधा व्यक्ति क्या कर रहा दिल्ली में धरना था यह लखनऊ में धरना उसी समय शुरु कर बैठा....
लखनऊ धरना चल रहा था यह किसी के पीछे दिल्ली भाग चला..
हद तो अब हो गई कि लखनऊ में 29 नवम्बर से धरना है तो उसी डेट में आखिरी समय पर लखनऊ में ही यह धरना देने जा रहा

क्या यार अनुदेशको का और कितना नुकसान करेगा?  आखिर अनुदेशको का कोढ क्यो बन रहा....  तेजस्वी ने कुछ फालतू के आदेश तो नही जारी करवाये आखिर वह मजबूती से लड तो रहा तू राजनीति का अंधा अनुदेशको को उलझाता चला जा रहा...

अनुदेशक सारी सच्चाई जान चुके है बेहतर होगा कि अलग धरने के स्थान पर साथ में आ नही अनुदेशको कि जो लुटिया डुबाने का कार्य कर रहा इस बार तेरा ही कल्याण कर देगे अनुदेशक बैठना अकेले कुछ भक्तो के साथ

आम अनुदेशक उपरोक्त बातो को ध्यान में रख कर निर्णय लेते हुए ही कदम उठाये

सुशील पाण्डेय
बुन्देलखण्ड जोन प्रभारी / जिलाध्यक्ष - बांदा
मो0- 8400992886
उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेल्फेयर एशोसिएसन उ0प्र0

एक पोस्ट हम लोगो के साथी सुसील पाण्डेय जी (ज़ोन प्रभारी)

एक पोस्ट हम लोगो के साथी सुसील पाण्डेय जी (ज़ोन प्रभारी)अगर उनको कौटिल्य कहा जाये तो ज्यादा नही होगा जितने अच्छे अंदाज में लिखा है।
लेकिन ये शायद एक लाइन भूल गए 1470 केंद्र ने खुद बढ़ाया।
आगे आप सायद ये भूल गए की आप एक संगठन के जोन प्रभारी है जो अपने भासा का प्रयोग किया इसी से आपके व्यक्तित्व का पता चलता है कोई बात नही सब स्वतन्त्र है।
देलही का आप उल्टा कर दिए आप 23 नो.को जा रहे थे लेकिन 24 दिस. गये आप ने कहा डिमांड तो 3 सालो का अपना मांग पत्र देख लो और मीडिया की सुर्खियां देख लो कहा गया "सात हजार में दम नही 25000 से कम नही "उसके बाद 100 की समस्या समाप्त हुई और एक बार फिर लड्डू खाते हुए मिडिया की सुखियो में फोटो और सोसल मिडिया में ...........।देलही से वापसी के बाद कई बार समायोजन ।
अपने कहा कैंसर, कोढ़,लोटा पहले अपने को देखना चाहिये।100 बच्चो की समस्या यदि राजनीती न की गई होती और लड्डू न खाए गये होते प्रिन्ट मिडिया में तो इतनी समस्या नही होती।सब जानते है जिसके संघर्स से 1470 आप भी हम भी और सभी अनुदेसक पा रहे है उसके लिए इन सब्दो का प्रयोग ...........इस संबंद में (1470)भोला जी से पूछ लेना कैसे बड़ा तब लिखना।100बच्चो के लिए जो केंद्र सरकार से जवाब आया वो कैसे आया कैसे लागु कराया जाये ये भी पूछ लेना राज्य सरकार ने जो लेटर भेजा था उसके साथ में किस संगठन की मागे और लेटर पैड गया ओभी तब भी भरोसा न हो परियोजना आ जाना आप पदाधिकारी देख लेना लुटिया डोबोना तो सब अनुदेसक जानते है कि नया धरना नई मागे।100 बच्चो की समस्या तो बिलकुल लड्डू खाने के बाद पूरे प्रदेश में कैंसर ही हो गई ।
अपने कहा कुछ भक्त ,उनके कुछ भक्तो की वजह से आप भी सायद 1470 पा रहे होंगे,100 बच्चो पर राज्य सरकार जो टालती थी केंद्र पर ओ लेटर उन्ही भक्तो की देन है
अंत में हम अनुदेसकभक्त तो है आरोप लगाने वाले तो अपना नेता बनाने के बाद उसी की लुटिया डुबो दिए केवल राजनीती के लिए(एकीकरण में)कल्याण समिति की मांगे ख़राब है।
अनुदेसक हित अपना हित जरा सा दिखता है तो सब जानते है परियोजना से अच्छी जगह नही हो सकती
सारे अनुदेसक जानते है कल्याण समिति झूठ नही बोली आज तक, "जब की 100 बच्चो से लगाकर समायोजन तक हो चुका है।"
अनुदेसक सब जानते है आप से भी सभी से निवेदन है राज्य परियोजना कार्यालय आये।
          धर्मेन्द्र शर्मा
        9984370386⁠⁠⁠⁠

राज्य परियोजना कार्यालय निशांतगंज लखनऊ पर होने वाले अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन/आमरण अनशन को अभी स्थगित किया जाता है

प्रदेश कार्यकारणी एवम् जिलाध्यक्षओ के विचार विमर्श के उपरान्त.......
  " पूर्व माध्यमिक अनुदेशक कल्याण समिति ऊoप्रo के तत्वाधान में 29 नवंबर 2016 से राज्य परियोजना कार्यालय निशांतगंज लखनऊ पर होने वाले अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन/आमरण अनशन को अभी स्थगित किया जाता है"
   
       सभी प्रदेश/जिलाध्यक्ष/जनपद/ब्लॉक पदाधिकारी एवम् अनुदेशक साथी संघर्ष वर्ष के इस अंतिम पड़ाव में तैयारी बनाये रखे 28 को शासन में पैरवी के उपरान्त जल्द आगामी योजना को बताया जायेगा,किसी भी स्थिति,परिस्थिति या संघर्ष के लिए सभी कमर कस कर तैयार रहे।।

                          धन्यवाद

    आपका
राकेश पटेल"सिंटू"
  प्रदेश अध्यक्ष
पू.मा.अनुदेशक कल्याण समित उ.प्र.
 9455788206

अनुदेशकों को मिलेगा तबादले का लाभ, शिक्षा विभाग ने इसके लिए लिया आदेश जारी

बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शारीरिक शिक्षा दिए जाने के लिए संविदा सेवा पर तैनात अंशकालिक अनुदेशकों को भी तबादले का लाभ मिल सकेगा। शिक्षा विभाग ने इसके लिए आदेश जारी कर 
दिया है। हालांकि यह तबादले सिर्फ समानांतर नीति के तहत ही किए जाएंगे। लिहाजा तबादला पाने के लिए दूसरे साथी की तलाश में अनुदेशक परेशान हैं।1संविदा सेवा पर तैनात कर्मियों को तबादला दिए जाने के लिए शासन ने पहली बार खास निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत बेसिक शिक्षा विभाग से की गई है। शासन ने अनुदेशकों को मिलने वाले मानदेय में उनकी तैनाती के स्थान तक पहुंचने में परेशानी और उनके खर्च को बचाने के लिए यह फैसला किया है। इसके लिए अनुदेशक लंबे समय से मांग कर रहे थे। शासन ने तबादले का लाभ दिए जाने का आदेश जारी किया तो अनुदेशक मुदित हो गए। हालांकि आदेश के विभिन्न ¨बदुओं का अवलोकन किए जाने पर तबादला कई पेच में उलझा मिला। इससे उनके चेहरे की खुशी काफूर हो गई। शासन ने तैनाती के बदले में तैनाती को पूरा किए जाने का आदेश में प्रतिबंध लगाया है। ऐसा इसलिए किया गया कि अनुमन्य विद्यालयों में ही अनुदेशकों की तैनाती बनी रहे और किसी भी विद्यालय में अनुदेशक के तबादले के बाद स्थान रिक्त नहीं हो सके। 1अब अनुदेशकों के समक्ष ऐसे साथी की तलाश किया जाना भारी पड़ रहा है, जोकि उनके स्थान पर तबादला लेने को सहमत हो। अनुदेशक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अंशुमान सिंह का कहना है कि तबादले के आदेश में विभाग ने सिर के बदले में सिर मांगा है। ऐसे में इसका लाभ पाने से अधिकांश अनुदेशक वंचित रह जाएंगे। लिहाजा अनुदेशकों की समस्या का बेहतर समाधान इससे निकलने की उम्मीदें कम ही बनी हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जेएन सिंह ने बताया कि शासनादेश के मुताबिक आवेदन मिलने पर तबादला किया जाएगा।

अनुदेशकों ने उठाई नवीनीकरण की मांग, जूनियर विद्यालयों में तैनात हैं यह अनुदेशक

कानपुर देहात, जागरण संवाददाता : जूनियर विद्यालयों में तैनात अनुदेशक नवीनीकरण के लिए भटक रहे हैं। सौ से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों में नवीनीकरण नहीं होने से अनुदेशक धरना प्रदर्शन व अनशन कर चुके 
है। मंगलवार को अनुदेशकों ने बीएसए को ज्ञापन सौंपकर नवीनीकरण की मांग की है।
परिषदीय जूनियर विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के मकसद से अनुदेशकों की तैनाती की गई थी, जिनका प्रत्येक वर्ष नवीनीकरण किया जाता रहा है। इस बार सौ से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों के अनुदेशकों का नवीनीकरण नहीं किया गया। इससे नाराज अनुदेशकों ने माती में धरना व अनशन किया था। इसके बाद भी नवीनीकरण नहीं किया गया। मंगलवार को बीएसए से मिलने पहुंचे अनुदेशकों में रचना गुप्ता, प्रियंका देवी, प्रमोद कुमार, शिव प्रताप, विनय प्रताप ¨सह, अल्का ¨सह, प्रीती देवी आदि ने बताया कि अन्य जनपदों में सौ से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों में भी अनुदेशकों का नवीनीकरण किया गया है। इसलिए जिले में भी सौ से कम छात्र संख्या वाले विद्यालयों में तैनात रहे अनुदेशकों का नवीनीकरण किया जाए। उन्होंने बीएसए को ज्ञापन सौंपकर मांग रखी।

राकेस पटेल जी के कलम से

**%* प्रिय अनुदेशक साथियो *%**
                  नमस्कार

  प्रदेश कार्यकारणी एवम् जिलाध्यक्षओ के विचार विमर्श के उपरान्त.......
  " पूर्व माध्यमिक अनुदेशक कल्याण समिति ऊoप्रo के तत्वाधान में 29 नवंबर 2016 से राज्य परियोजना कार्यालय निशांतगंज लखनऊ पर होने वाले अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन/आमरण अनशन को अभी स्थगित किया जाता है"
   
       सभी प्रदेश/जिलाध्यक्ष/जनपद/ब्लॉक पदाधिकारी एवम् अनुदेशक साथी संघर्ष वर्ष के इस अंतिम पड़ाव में तैयारी बनाये रखे 28 को शासन में पैरवी के उपरान्त जल्द आगामी योजना को बताया जायेगा,किसी भी स्थिति,परिस्थिति या संघर्ष के लिए सभी कमर कस कर तैयार रहे।।

                          धन्यवाद

    आपका
राकेश पटेल"सिंटू"
  प्रदेश अध्यक्ष
पू.मा.अनुदेशक कल्याण समित उ.प्र.
9455788206

गंदी राजनीति से दो कदम आगे.....

सभी सम्मानित साथियों को तेजस्वी शुक्ल का नमस्कार...
....गंदी राजनीति से दो कदम आगे.....
         मित्रों आगामी 29 नवंबर से संगठन ने लक्ष्मण मेला मैदान में अनिश्चित कालीन धरने की घोषणा कर रखी है और उसके लिए लगभग सभी आवश्यक कार्यवाही भी पूरी कर लिए गये हैं।सभी साथियों से हाथ जोडकर विनम्र अनुरोध है कि कष्ट चाहे जितने हों लेकिन आना सभी को है।
         पहले से घोषित कार्यक्रम के ही दिन एक और संगठन ने अपने धरने की डेट घोषित कर दिया है।यह वही संगठन है मित्रों जिसके प्रतिनिधि मण्डल को प्रमुख सचिव बेसिक ने लगभग भगा दिया था और तब इन्होंने हमारे संगठन से मदद की गुहार लगाई थी तो मैं अपने पूरे संगठन के साथ बिना किसी शर्त के और बिना किसी बैनर के केवल अनुदेशक हित में इनके धरने को सपोर्ट करने के लिए लक्ष्मण मेला मैदान में पंहुच गया था और उसी के वजह से दोबारा वही प्रमुख सचिव बेसिक ने इनके प्रतिनिधि मण्डल की पूरी बात सुनी थी। बाद में इनके प्रदेश अध्यक्ष ने मेरा या मेरे संगठन का धन्यवाद करना तो दूर, एक बार भी नाम तक लेना उचित नहीं समझा।
         इस संगठन ने हमारी डेट पर ही अपनी डेट रख ली है यह कोई नयी बात नहीं है।इनके प्रदेश अध्यक्ष हमेशा से यही करते आये हैं,क्यों, क्योंकि इसका इन्हें भरपूर बेनीफिट मिलता है।याद होगा जब हमने दिल्ली का धरना रखा था तो उसी समय पर इन्होंने लखनऊ में धरना लगा लिया था उसका फायदा इन्हें यह मिला कि हमने दिल्ली में नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव के आवास का घेराव किया और उनसे पैब में 25000 रूपए का प्रस्ताव भेजवाने की सहमति बना लिया था।उनके द्वारा प्रमुख सचिव बेसिक को फोन भी करवा दिया गया था लेकिन उसी समय उस दबाव को कैश कराते हुए इस संगठन ने प्रमुख सचिव से मुलाकात करके उपलब्धि को अपने खाते मे कराने के लिए लिखित रूप से मानदेय ₹15000/- का प्रस्ताव पैब में भेजने पर सहमति बनाकर चले आये।उसी समय इनके प्रतिनिधि मण्डल ने वाहवाही लूटने के लिए एक दो ऐसे आदेश ले लिए जो आज हमारे भविष्य के लिए अत्यंत नुकसान दायक बन गया है।
       इन्होंने उस समय एक आदेश करवाया था जिसमें संविदा के अलावा हम सबसे कोई कार्य न लेने का आदेश दिया गया है।मित्रों बिना किसी राजनीति के,दिल पर हाथ रखकर बता दीजिए कि उस आदेश के बाद से आपसे संविदा से इतर कार्य लिया जा रहा है या नहीं लेकिन वही आदेश आज समान कार्य के लिए समान वेतन की रिट में हम लोगों के लिए काल बनने जा रहा है और यह सम्भव है कि वह आदेश ही इस रिट में हमारे खिलाफ सरकार का सबसे बडा हथियार बनेगा।यह मैं नहीं बल्कि सर्विश मैटर के खासतौर पर शिक्षा जगत के नामी गिरामी वकील का कहना है।
     इन्होंने उस समय एक और आदेश लिया कि समय से भुगतान हो तो यह तो आप सब भी जानते होंगे कि कितने समय से मानदेय मिलता है।इसमें मुझे कुछ कहने की आवश्यकता ही नहीं है।
          पिछली बार हमारे संगठन ने जब 4 अक्टूबर को विधान सभा घेराव का कार्यक्रम घोषित कर दिया तब इनके प्रदेश अध्यक्ष जी ने बीच में कूद कर 27 सितंबर से धरना रख लिया।हमने विधान सभा का घेराव किया भी और पुलिस द्वारा लाठी चार्ज भी किया गया और थाने पर भी ले जाकर बंद भी किया गया जिसको हमें प्रमाणित करने की जरूरत नहीं है क्योंकि समाचार पत्रों ने पूरे प्रदेश में इस खबर को प्रमुखता से छापा था। उस घेराव और मारपीट मे बने दबाव का लाभ लेने के लिए ही इन लोगों ने धरना रखा था और वही हुआ भी।जिस प्रमुख सचिव से स्थानांतरण पर मेरी सहमति बन गयी थी जिसे मैं बार बार लिखकर आप सबको अवगत भी करा रहा था,उसी प्रमुख सचिव से इनके प्रदेश अध्यक्ष ने जल्दबाजी में अपनी उपलब्धि दिखाने के लिए पारस्परिक स्थानांतरण की मांग कर लिया जिसे जारी करना काफी आसान था।आप लोग ईमानदारी से बताएं कि पारस्परिक स्थानांतरण से कितने प्रतिशत लोगों को लाभ मिला है।मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि एक प्रतिशत लोगों को भी लाभ नहीं मिला है।जबकि अनुदेशकों की पूरी संख्या का पचास प्रतिशत से भी ज्यादा लोग स्थानांतरण चाहते है।
         मित्रों इस तरह के बेवकूफी पूर्वक आदेश लेकर उपलब्धियों की गिनती कराना होता तो शायद हमारे संगठन की उपलब्धियों की एक लंबी कतार होती। लेकिन हमने कभी समझौता नहीं किया और कभी भी गलत या बिना मतलब की मांगे नहीं रखी और आगे भविष्य में भी नहीं रखेंगे।हमारी मांगे सदैव ठोस रही है और आगे भी ठोस ही रहेगी।जिसे जितनी उपलब्धियां गिनाना हो गिना लें।हमारी मांग जिस दिन पूरी होगी उसी दिन से अनुदेशकों को सम्मान मिलना शुरू हो जायेगा।
        कुछ मुद्दों पर दूसरे संगठन के अध्यक्ष जी सदैव आप सबको बेवकूफ बनाते रहे हैं,हालांकि मैं कभी भी इस तरह की फालतू बातों में नहीं पड़ना चाहता था लेकिन इतनी गंदगी के बाद सत्यता से आपको अवगत कराना अत्यंत आवश्यक है। तो मैं आपको यह बताना चाहूँगा कि राज्य परियोजना निदेशालय ने उन अध्यक्ष महोदय को उत्तर दिया है।मैं चाहता हूँ कि इसका अवलोकन आप सब भी करें और आगे से गलत मांगों के पीछे मत भागिए।सोच समझकर आपका हित करने वाले का साथ दीजिए।
*गंदी राजनीति से आगे बढ़कर महोदय थोड़ा अनुदेशक हित में भी कार्य कर लीजिए।"*
“भले ही मेरे खाते में एक भी उपलब्धि आये या ना आये मैं आपके भविष्य से समझौता कदापि नहीं करूँगा।जिस दिन मेरे खाते में उपलब्धि आयेगी उस दिन मुझे बताना नहीं पडेगा बल्कि आप खुद गौरवान्वित महसूस करने लगेंगे।"

आपके संघर्षों का साथी
तेजस्वी शुक्ल
प्रदेश अध्यक्ष
9670923000(W)
उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन,उ०प्र०

Sunday, November 20, 2016

असफलता एक चुनौती है स्वीकार करो

असफलता एक चुनौती है स्वीकार करो*

*क्या कमी रह गई देखो और सुधार करो*

जब तक न सफल हो नींद चैन को त्यागो तुम*

संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम*

कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती*

कोशिश करने वालो की कभी हार नही होती*

*******चलो लखनऊ 29नवम्बर 2016 से ******

डेरा डलो घेरा डलो लक्ष्मण मेला मैदान मे
पक्की नौकरी पक्का वोट
सम्मानित अनुदेशक साथियों अपने हक और अधिकार के लिये घरो से निकालो लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान के लिये अब भी नही जागोगे तो भविष्य मे भी सोते रहोगे ।
          साथियों हम आप सभी एक ही अपील करता हूँ कि दुसरो को मत देखो सिर्फ अपने गिरेबान मे इमानदारी से झाक कर देखो  की नौकरी करते तीन साल हुआ है और इन तीन सालो मे आपने अपने भविष्य के लिये  आज तक कितना संघर्ष किया है।इस लिये साथियों आप सभी से निवेदन है कि आखिरी मौका आखिरी समय मे आखिर संघर्ष मे हर स्तर पर आगे बढकर साथ और सहयोग देना सुनिश्चित करे।
   जिससे बाद मे ये न सोचना पडे कि काश संघर्ष किये होते तो आज दिन न देखना पडता।
अनुदेशक साथियों उठो और जागो अपने हक और अधिकारके लिये
अनुदेशको के हो शोषण मे संघर्ष ही हमारा नारा है।

*जय अनुदेशक परिवार*
आशुतोष त्रिपाठी

*उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर ऐशोसिएसन संतकबीर नगर