Tuesday, November 22, 2016

गंदी राजनीति से दो कदम आगे.....

सभी सम्मानित साथियों को तेजस्वी शुक्ल का नमस्कार...
....गंदी राजनीति से दो कदम आगे.....
         मित्रों आगामी 29 नवंबर से संगठन ने लक्ष्मण मेला मैदान में अनिश्चित कालीन धरने की घोषणा कर रखी है और उसके लिए लगभग सभी आवश्यक कार्यवाही भी पूरी कर लिए गये हैं।सभी साथियों से हाथ जोडकर विनम्र अनुरोध है कि कष्ट चाहे जितने हों लेकिन आना सभी को है।
         पहले से घोषित कार्यक्रम के ही दिन एक और संगठन ने अपने धरने की डेट घोषित कर दिया है।यह वही संगठन है मित्रों जिसके प्रतिनिधि मण्डल को प्रमुख सचिव बेसिक ने लगभग भगा दिया था और तब इन्होंने हमारे संगठन से मदद की गुहार लगाई थी तो मैं अपने पूरे संगठन के साथ बिना किसी शर्त के और बिना किसी बैनर के केवल अनुदेशक हित में इनके धरने को सपोर्ट करने के लिए लक्ष्मण मेला मैदान में पंहुच गया था और उसी के वजह से दोबारा वही प्रमुख सचिव बेसिक ने इनके प्रतिनिधि मण्डल की पूरी बात सुनी थी। बाद में इनके प्रदेश अध्यक्ष ने मेरा या मेरे संगठन का धन्यवाद करना तो दूर, एक बार भी नाम तक लेना उचित नहीं समझा।
         इस संगठन ने हमारी डेट पर ही अपनी डेट रख ली है यह कोई नयी बात नहीं है।इनके प्रदेश अध्यक्ष हमेशा से यही करते आये हैं,क्यों, क्योंकि इसका इन्हें भरपूर बेनीफिट मिलता है।याद होगा जब हमने दिल्ली का धरना रखा था तो उसी समय पर इन्होंने लखनऊ में धरना लगा लिया था उसका फायदा इन्हें यह मिला कि हमने दिल्ली में नेताजी श्री मुलायम सिंह यादव के आवास का घेराव किया और उनसे पैब में 25000 रूपए का प्रस्ताव भेजवाने की सहमति बना लिया था।उनके द्वारा प्रमुख सचिव बेसिक को फोन भी करवा दिया गया था लेकिन उसी समय उस दबाव को कैश कराते हुए इस संगठन ने प्रमुख सचिव से मुलाकात करके उपलब्धि को अपने खाते मे कराने के लिए लिखित रूप से मानदेय ₹15000/- का प्रस्ताव पैब में भेजने पर सहमति बनाकर चले आये।उसी समय इनके प्रतिनिधि मण्डल ने वाहवाही लूटने के लिए एक दो ऐसे आदेश ले लिए जो आज हमारे भविष्य के लिए अत्यंत नुकसान दायक बन गया है।
       इन्होंने उस समय एक आदेश करवाया था जिसमें संविदा के अलावा हम सबसे कोई कार्य न लेने का आदेश दिया गया है।मित्रों बिना किसी राजनीति के,दिल पर हाथ रखकर बता दीजिए कि उस आदेश के बाद से आपसे संविदा से इतर कार्य लिया जा रहा है या नहीं लेकिन वही आदेश आज समान कार्य के लिए समान वेतन की रिट में हम लोगों के लिए काल बनने जा रहा है और यह सम्भव है कि वह आदेश ही इस रिट में हमारे खिलाफ सरकार का सबसे बडा हथियार बनेगा।यह मैं नहीं बल्कि सर्विश मैटर के खासतौर पर शिक्षा जगत के नामी गिरामी वकील का कहना है।
     इन्होंने उस समय एक और आदेश लिया कि समय से भुगतान हो तो यह तो आप सब भी जानते होंगे कि कितने समय से मानदेय मिलता है।इसमें मुझे कुछ कहने की आवश्यकता ही नहीं है।
          पिछली बार हमारे संगठन ने जब 4 अक्टूबर को विधान सभा घेराव का कार्यक्रम घोषित कर दिया तब इनके प्रदेश अध्यक्ष जी ने बीच में कूद कर 27 सितंबर से धरना रख लिया।हमने विधान सभा का घेराव किया भी और पुलिस द्वारा लाठी चार्ज भी किया गया और थाने पर भी ले जाकर बंद भी किया गया जिसको हमें प्रमाणित करने की जरूरत नहीं है क्योंकि समाचार पत्रों ने पूरे प्रदेश में इस खबर को प्रमुखता से छापा था। उस घेराव और मारपीट मे बने दबाव का लाभ लेने के लिए ही इन लोगों ने धरना रखा था और वही हुआ भी।जिस प्रमुख सचिव से स्थानांतरण पर मेरी सहमति बन गयी थी जिसे मैं बार बार लिखकर आप सबको अवगत भी करा रहा था,उसी प्रमुख सचिव से इनके प्रदेश अध्यक्ष ने जल्दबाजी में अपनी उपलब्धि दिखाने के लिए पारस्परिक स्थानांतरण की मांग कर लिया जिसे जारी करना काफी आसान था।आप लोग ईमानदारी से बताएं कि पारस्परिक स्थानांतरण से कितने प्रतिशत लोगों को लाभ मिला है।मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि एक प्रतिशत लोगों को भी लाभ नहीं मिला है।जबकि अनुदेशकों की पूरी संख्या का पचास प्रतिशत से भी ज्यादा लोग स्थानांतरण चाहते है।
         मित्रों इस तरह के बेवकूफी पूर्वक आदेश लेकर उपलब्धियों की गिनती कराना होता तो शायद हमारे संगठन की उपलब्धियों की एक लंबी कतार होती। लेकिन हमने कभी समझौता नहीं किया और कभी भी गलत या बिना मतलब की मांगे नहीं रखी और आगे भविष्य में भी नहीं रखेंगे।हमारी मांगे सदैव ठोस रही है और आगे भी ठोस ही रहेगी।जिसे जितनी उपलब्धियां गिनाना हो गिना लें।हमारी मांग जिस दिन पूरी होगी उसी दिन से अनुदेशकों को सम्मान मिलना शुरू हो जायेगा।
        कुछ मुद्दों पर दूसरे संगठन के अध्यक्ष जी सदैव आप सबको बेवकूफ बनाते रहे हैं,हालांकि मैं कभी भी इस तरह की फालतू बातों में नहीं पड़ना चाहता था लेकिन इतनी गंदगी के बाद सत्यता से आपको अवगत कराना अत्यंत आवश्यक है। तो मैं आपको यह बताना चाहूँगा कि राज्य परियोजना निदेशालय ने उन अध्यक्ष महोदय को उत्तर दिया है।मैं चाहता हूँ कि इसका अवलोकन आप सब भी करें और आगे से गलत मांगों के पीछे मत भागिए।सोच समझकर आपका हित करने वाले का साथ दीजिए।
*गंदी राजनीति से आगे बढ़कर महोदय थोड़ा अनुदेशक हित में भी कार्य कर लीजिए।"*
“भले ही मेरे खाते में एक भी उपलब्धि आये या ना आये मैं आपके भविष्य से समझौता कदापि नहीं करूँगा।जिस दिन मेरे खाते में उपलब्धि आयेगी उस दिन मुझे बताना नहीं पडेगा बल्कि आप खुद गौरवान्वित महसूस करने लगेंगे।"

आपके संघर्षों का साथी
तेजस्वी शुक्ल
प्रदेश अध्यक्ष
9670923000(W)
उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन,उ०प्र०