Tuesday, November 22, 2016

अनुदेशक को कमजोर करने वाले कैन्सर को देखिये जरा

अनुदेशक को कमजोर करने वाले कैन्सर को देखिये जरा

मै हैरान हूँ कि और कितना नुकसान पहुँचायेगा कल्याण वास्तव में कल्याण नें अनुदेशको को कमज़ोर करके रख दिया है इसे लडने का भी नही पता आखिर करु क्या?  क्या मांगू?  बिना पेंदी के लोटे की तरह लुढ़कता जा रहा इतना गन्दा होने पर आधा वजूद खो जाने पर महासचिव वैभव राणा ने सही कहा था कि घटिया राजनीति के अलावा कुछ नही करती कल्याण समिति।

एक नजर इसके घिनौने कृत्यो की ओर
1- यह आदेश ले आया कि अनुदेशको से अन्य कार्य न लिये जाये और आज मुद्दा बना रहा समान कार्य समान वेतन....  राज्य सरकार देगी वही जवाब कि हमने पत्र जारी किया है इतर कार्य न लिये जाये..... बंटाधार कर चुका

2- यह आदेश ले आया पारस्परिक स्थानान्तरण कोई फायदा किसी को नही मिला मांग थी स्थानांतरण....  लुढका दिया लोटा...

3- समय से मानदेय का भुगतान हो क्या हुआ खुद के जिले से लेकर सभी जगह की स्थिति पता देखो...

वास्तव में घिनौनी राजनीति के अलावा कुछ नही
राजनीति में अंधा व्यक्ति क्या कर रहा दिल्ली में धरना था यह लखनऊ में धरना उसी समय शुरु कर बैठा....
लखनऊ धरना चल रहा था यह किसी के पीछे दिल्ली भाग चला..
हद तो अब हो गई कि लखनऊ में 29 नवम्बर से धरना है तो उसी डेट में आखिरी समय पर लखनऊ में ही यह धरना देने जा रहा

क्या यार अनुदेशको का और कितना नुकसान करेगा?  आखिर अनुदेशको का कोढ क्यो बन रहा....  तेजस्वी ने कुछ फालतू के आदेश तो नही जारी करवाये आखिर वह मजबूती से लड तो रहा तू राजनीति का अंधा अनुदेशको को उलझाता चला जा रहा...

अनुदेशक सारी सच्चाई जान चुके है बेहतर होगा कि अलग धरने के स्थान पर साथ में आ नही अनुदेशको कि जो लुटिया डुबाने का कार्य कर रहा इस बार तेरा ही कल्याण कर देगे अनुदेशक बैठना अकेले कुछ भक्तो के साथ

आम अनुदेशक उपरोक्त बातो को ध्यान में रख कर निर्णय लेते हुए ही कदम उठाये

सुशील पाण्डेय
बुन्देलखण्ड जोन प्रभारी / जिलाध्यक्ष - बांदा
मो0- 8400992886
उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेल्फेयर एशोसिएसन उ0प्र0