सभी अनुदेशक साथियों को नमस्कार............
*तेजस्वी शुक्ला और भोला नाथ पाण्डेय जी द्वारा वार्ता के उपरान्त डाले गये सहमति का निचोड़**
मित्रों कल अनिश्चितकालीन धरने के सोलहवें दिन संगठन ने विधान सभा घेराव का एलान कर रखा था।सुबह से ही रणनीति के तहत लखनऊ के अलग अलग जगहों पर अनुदेशकों की संख्या इकट्ठा होना शुरू हो गयी थी।प्रशासन सुबह से ही दबाव में आ गया था।और एक बजते बजते मुख्य सचिव,शासन महोदय से मुलाकात के लिए सात सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल को लेकर प्रशासन के अधिकारी एनेक्सी चल दिए।प्रतिनिधि मण्डल में तेजस्वी शुक्ला(प्रदेश अध्यक्ष),भोला नाथ पाण्डेय(प्रदेश महासचिव),महेन्द्र पाठक(प्रदेश महामंत्री),प्रियंक मिश्रा(प्रदेश उपाध्यक्ष),अशोक चाहर(प्रदेश उपाध्यक्ष),विशाल श्रीवास्तव(प्रदेश सचिव),प्रिया दीक्षित(प्रदेश मंत्री) शामिल रहीं।
वार्ता के लिए निर्धारित समय 1.30 बजे प्रतिनिधिमण्डल एनेक्सी पंहुच गया था लेकिन एकाएक मुख्यमंत्री महोदय के साथ मीटिंग शुरू हो जाने के कारण मुख्य सचिव साहब 5,काली दास मार्ग(मुख्यमंत्री आवास) चले गये और मुलाकात साम 6 बजे से शुरू होकर 7.15 बजे तक चली। संगठन के साथ वार्तालाप में श्री राहुल भटनागर जी(मुख्य सचिव,शासन महोदय),श्री जितेन्द्र कुमार जी[प्रमुख सचिव,माध्यमिक शिक्षा व प्रमुख सचिव,बेसिक शिक्षा(चार्ज)], श्री डी बी शर्मा जी(निदेशक,बेसिक शिक्षा विभाग), ADMसाहब,SP पूर्वी श्री शिवराम वर्मा जी शामिल रहे।
शासन स्तर पर किसी भी अनुदेशक संगठन की हुई पहली बैठक में वार्तालाप बहुत ही सकारात्मक माहौल में हुई और मैं एक बात तो पूरे दावे से कहूँगा कि श्री राहुल भटनागर साहब जैसे अधिकारी जिस विभाग में हो जाएं वहाँ समस्याएं अपने आप समाप्त हो जाएंगीं।हमारी समस्याओं को जिस तरह से गम्भीरता पूर्वक सुनकर उसका निस्तारण उन्होने किया है वास्तव में वह काबिले तारीफ है।जिन बिन्दुओ पर मुख्य सचिव महोदय गंभीर होकर सुने और तत्काल निस्तारण का आदेश दिया वह निम्नवत है-
निष्कर्ष--- इस बैठक में प्रमुख सचिव(बेसिक) श्री अजय कुमार सिंह जो कि पिछले शुक्रवार को ही चार्ज ले चुके है उनको और जहाँ से हम गवर्न होते है सर्व शिक्षा अभियान इनके निदेशक श्री प्रियदर्शी जी का उक्त बैठक में न होना समझ से परे है क्योकि जो शिक्षा विभाग के दो अधिकारी बैठक में प्रतिभाग किये है उनका दूर दूर से अनुदेशको से कोई लेना देना नही है।।
खैर अब आते है तत्काल निस्तारण किये गए बिन्दुओ पर------
1- छात्र संख्या सौ से कम होने पर निकाले गये लोगों की वापसी होगी और उनको ऐसे विद्यालय में ट्रांसफर किया जायेगा जहाँ छात्रों की संख्या सौ से अधिक होगी।
निष्कर्ष----
ये समझ से परे सहमति है एक तरफ बेसिक विभाग में ही अंशकालिक अनुदेशको को सचिव बेसिक श्री संजय सिन्हा का आदेश जिसमे शारीरिक शिक्षा अनुदेशको को यह कह कर चल रहे भर्ती शारीरिक शिक्षा अनुदेशक(मानदेय 7000) के भर्ती में फॉर्म डालने से मना कर दिया जाता है कि समान पद के लिए आवेदन तभी कर सकते है जब कार्यरत अनुदेशक अपना वर्तमान नौकरी छोड़े,तो जब समान पद है तो व्यवस्थाये भी समान होनी चाहिये जैसे उनके लिए छात्र संख्या की बाध्यता नही है तो हम सबके लिए भी नही होनी चाहिये..
नही तो कब तक अनुदेशक सुरक्षित रह पाएंगे और कब तक इधर से उधर 100 से 150 km तक 100 छात्रो वाला विद्यालय ढूढेंगे।।
2- अगले सत्र से छात्र संख्या सौ से कम होने पर भी किसी को बेरोजगार नही किया जाएगा। इसके लिए बीच का रास्ता एक सप्ताह के अंदर निकाला जायेगा।
निष्कर्ष--- संजय सिन्हा वाले आदेश को दिखाते हुऐ छात्र संख्या की बाध्यता हटवाई जा सकती है समान पद के लिए बेसिक विभाग में दो तरह की व्यवस्थाये सम्भव नही है,इसमें बीच का रास्ता निकालने का कोई मतलब नही 100 छात्र संख्या की बाध्यता खत्म करना ही अंतिम रास्ता है,जो कि चल रही भर्ती का आधार बनाकर खत्म कराया जा सकता है।।
3- स्वत:नवीनीकरण का आदेश जारी किया जायेगा(स्वत:नवीनीकरण कार्य आख्या के संतोषजनक होने पर ही होगा)
निष्कर्ष---- ये सरासर अनुदेशको को बेवकूफ बनाने वाली बात है जब कार्य आख्या प्रिंसिपल से हस्ताक्षर करा कर हर वर्ष जायेगा ही तो फिर स्वतः नवीनीकरण का नाम इसे क्यों दिया जा रहा है जबकि शिक्षा विभाग के अन्य संविदा कर्मियो का स्वतः नवीनीकरण होता आ रहा है।।
4- दूर दराज कार्यरत अनुदेशकों को यथा संभव नजदीक के विद्यालयों में विषयानुसार रिक्त पद होने पर स्थानांतरण दिया जायेगा।(पारस्परिक स्थानांतरण नहीं)
निष्कर्ष---
इसी से कुछ साथियो को लाभ हो सकता है पर इसका पूरा लाभ तब मिल पायेगा जब छात्र संख्या की बाध्यता खत्म हो जाती और इस आदेश का पालन आचार संहिता और चल रहे शारीरिक शिक्षा अनुदेशक भर्ती के पहले हो पायेगा।।
5- समान कार्य के लिए समान वेतन या मानदेय बृद्धि के मुद्दे पर इसी महीने की 27,28 और 29 तारीख को मुख्य सचिव साहब की अगुआई में एक बैठक होगी जिसमें MHRD में बेसिक शिक्षा का विभाग देख रहे केन्द्रीय अधिकारी,प्रमुख सचिव वित्त और प्रमुख सचिव बेसिक साहब के साथ संगठन के प्रतिनिधि मण्डल भी होंगे। और उस बैठक में संगठन के पदाधिकारी मानदेय बृद्धि के लिए अपनी तरफ से सभी आवश्यक तर्क रखेंगे।
निष्कर्ष-----
समान कार्य समान वेतन के लिए mhrd का कही कोई रोल नही है ये राज्य सरकार को देना है और इस पर अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है और जो बैठक का डेट बताया गया है तब तक शायद बैठक ही न हो क्योकि पूरी सम्भावना है तब तक आचार संहिता लग जायेगी।।
मुख्य सचिव साहब की तरफ से इन मांगों पर एक सप्ताह के अंदर आदेश जारी करने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को आदेशित किया गया और उनके द्वारा संगठन के प्रतिनिधि मण्डल से धरना समाप्त करने का निवेदन भी किया गया लेकिन संगठन के पदाधिकारियों ने बहुत ही विनम्रता से आदेश जारी होने तक पूर्णतया शांतिपूर्वक धरना जारी रखने देने का अनुरोध किया तो मुख्य सचिव साहब ने इसकी अनुमति देते हुए अधिकारियों को जल्द से जल्द आदेश जारी करने के लिए आदेशित किया।
संगठन ने यह निर्णय लिया है कि आदेश की कापी लिए बगैर अब धरना समाप्त नहीं किया जायेगा।यदि अधिकारियों के द्वारा वादा खिलाफी हुई तो संगठन फिर से उग्र प्रदर्शन के लिए बाध्य हो जायेगा।आप सभी से अनुरोध है कि आदेश जारी होने तक संगठन का साथ देते रहिए।और आवश्यकता पड़ने पर यदि संगठन आह्वाहन करता है तो तत्काल लखनऊ के लिए कूच कर जाइएगा।
आज धरने में आये हुए समस्त अनुदेशक पदाधिकारियों और अनुदेशक साथियों को बहुत बहुत हार्दिक धन्यवाद और बधाई।मुलाकात में विशेष प्रयास करने के लिए अशोक चाहर जी(प्रदेश उपाध्यक्ष,जिलाध्यक्ष आगरा) को विशेष धन्यवाद।
अंत में प्रशासन के अधिकारियों में SP पूर्वी श्री शिवराम यादव जी, CO हजरतगंज श्री अशोक वर्मा जी तथा इंस्पेक्टर हजरतगंज श्री डी के उपाध्याय जी का विशेष धन्यवाद जिनके अथक प्रयासों के कारण यह संभव हो सका।
"धरना में जो सबसे अच्छा निर्णय लिया गया ओ यह है की धरना अभी भी जारी बाकी सभी तो लेखनी का कमाल लालीपॉप से ज्यादा कुछ नहीं,
बिना डाक्यूमेंट्स और तैयारी का पुरे वार्ता पर दिखा असर,सुधार और तैयारी की जबरजस्त आवश्यकता"
शुभकामनाओ सहित.....
................ जय गंगा मैया ...................
आपके संघर्षों का साथी
जागरूक अनुदेशक