Sunday, October 2, 2016

शक्ति स्वरूपा माता जगत जननी की अंश महिला अनुदेशकों से एक भावुक अपील.........

इतिहास गवाह है कि कोई भी संघर्ष अब तक बिना आप लोगों के जीती नहीं जा सकी है।किसी भी संघर्ष की ताकत आप हो।किसी भी संघर्ष की हिम्मत आप हो।किसी भी सफलता का कारण आप हो। बिना आपके संघर्ष तो संभव है सफलता नहीं।
           चूंकि अनुदेशकों की कुल कार्यरत आबादी में लगभग 60 प्रतिशत से अधिक आप लोगों की संख्या है इसलिए अनुदेशकों के किसी भी संघर्ष में सदैव महत्वपूर्ण भूमिका आप लोगों की ही रहेगी। जब तक आप महिला अनुदेशक जागरूक होकर अपनी जिम्मेदारी नहीं समझेंगी तब तक हम अनुदेशक संघर्ष तो कर सकते हैं लेकिन उस संघर्ष में धार नहीं आयेगी।
         मैं आप सभी महिला अनुदेशकों के अंदर अदृश्य रूप में बसी माँ दुर्गा, माँ काली और माँ चण्डी का आह्वान करता हूँ कि बाहर आइए अपने घरों से और दिखा दीजिए सबको, जिन्होंने केवल सदैव आपके वात्सल्य रूप का ही दर्शन किया है, दिखा दीजिए कि आप अपने पर आ जाए तो  कोई भी लक्ष्य छोटा पड़ जाता है,आप अपने पर आ जाए तो बडे बडे आतताई सिर झुका लेते है तो फिर राज्य सरकार की क्या औकात है।
          4 अक्टूबर के महासंग्राम में आपलोगों से आह्वान है कि इतनी अधिक संख्या में कोलाहल मचा दीजिए कि प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री विवस होकर आपके प्रतिनिधि मण्डल को बुलाकर आपका दर्द पूंछें और उस दर्द का इलाज भी करें।
          जैसे दूसरे के मरने से आप स्वर्ग नहीं देख सकते उसी तरह दूसरे के संघर्ष से आप कभी सफल नहीं हो सकते।स्वर्ग देखने की ख्वाहिश हो तो खुद मरिए और सफल होना हो तो खुद लड़िए।

       आओ साथियों एक लडाई मिलकर लड़ें

जय माता दी
भोला नाथ पाण्डेय
इलाहाबाद
9936451852