अपनी पीठ से निकले खंजरों को गिना जब मैंने,
ठीक उतने थे जितने को गले लगाया था मैंने।
अब आप सभी होश में आओ क्योंकि विधान सभा घेराव के फ्लॉप शो को भी आपने देख लिया। इधर हम परियोजना कार्यालय में बैठ कर बने हुए सहमति की शासनादेश की मांग कर रहे है। उधर एक अन्य अनुदेशक संघ के नेता नेतागीरी की भूख मिटाने के लिए विधानसभा घेराव करने पहुँच गए। अब इससे ये प्रतीत हो गया की आप नही वो चुनिंदा नेता जिनको हम गले लगाते है वही हमारे पीठ में खंजर खोपने का काम कर रहे है।
आप की नींद अब अवश्य खुलनी चाहिए। क्योकि राकेश पटेल की टीम को नेतागीरी नही करनी है न करना चाहती है, बस आपको सम्मान कैसे मिले वो हिम्मत लेकर परियोजना कार्यालय के परिसर में इतने दिनो से धरने में बैठकर इतिहास रच रही है।
कसम से वो दिन दूर नही जिसमे चन्द घंटे शेष बचे है की आप को वो सारे शासनादेश न मिल जाये।
धिक्कार है तुम जैसे अनुदेशकों पर जो घर से व स्कूल को नही छोड़ रहे है।
मैं बस यही कहूँगा सही का साथ दो, झुठो का साथ छोड़ो।
भोला ने ही कहा था कि अनुदेशकों का कोई मानदेय नही बढ़ा है वो झूठ साबित हुआ 1470 राकेश पटेल की टीम ने दिया, मातृत्व अवकास में भी बोले थे वो भी मिला। अब वे आजमगढ़ के ज़िला अध्यक्ष व राकेश पटेल को झूठा साबित कर रहे थे वो भी कोर्ट ऑर्डर के साथ उनके मुँह पर मार दी गई।
जल्द ही आपको वो भी मिलेगी जिसका राकेश पटेल न वादा किया है।
आओ मिल कर टीम राकेश पटेल का साथ दें।
उस संघ का बहिष्कार करो
पुनः विनती आज ही परियोजना परिसर में पहुँच कर अपने हक़ के लड़ाई का गवाह बनो।
आपका
महताब आलम
प्रदेश उपाध्यक्ष
पू मा अनुदेश कल्याण समिति उoप्रo
9628 133588(whatsapp)
9453 133588