प्रदेश के समस्त अनुदेशक साथियों को
जय माता दी--
साथियो 27 सितंबर से लगातार हमारे साथी परियोजना कार्यालय का घेराव किये बैठे हैं, इन्हीं दिनों में वह दिन भी आया जब अनुदेशको ने परियोजना में ताला लगाकर शासनादेश में हो रही देरी के लिए अधिकारियो को अनुदेशको की ताकत का एहसास भी कराया , प्रतिफल अगले दिन के सभी समाचार पत्रों के माध्यमो से आपके सामने था,।
साथियों मैं 3-4 दिन नही माँग रहा आपसे सिर्फ और सिर्फ सोमवार (03 अक्टूबर) , और अनुदेशक अपने शासनादेश / अपने सम्मान को पाने के लिए केवल 01 दिन , । और यक़ीन मानिये प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में तैनात अनुदेशक अपने माँ, बाप, भाई, पत्नी, बच्चो रिस्तेदारों, दोस्तों के सम्मुख सम्मान से खड़े होंगे ये वादा है आपसे ------
क्यों कि शासनादेश तैयार हैं सिर्फ उसे आपके मुताबिक घोषणा होनी है , संघर्ष का यह दिन आपके जीवन के सुखद पलों में एक होगा वादा है आपसे
अपने हक़ अपने सम्मानके लिए सिर्फ एक दिन सोमवार, 03 अक्टूबर
वर्ना पांच साल हम खुद को और अपनी किश्मत को कोशते रहेगें ।
बाकी फैसला आपका 01 दिन या पांच वर्ष
यूँही नही मिलती राही को मंज़िल
कुछ दर्द सा सीने में जगाना होता है।
पूछा पंक्षी से किसी ने कैसे बना घोंसला ।
भरनी पड़ती है उड़ानें कतरा कतरा उठाना होता है।
आपका भाई
अजीत सिंह भाटी
प्रान्तीय महामंत्री
पूर्व माध्यमिक अनुदेशक कल्याण समिति उ. प्र.