Tuesday, March 28, 2017

【दि०27/03/17 के PAB की बैठक】विस्त्रृत जानकारी By भोला नाथ पाण्डेय

सभी सम्मानित साथियों को नमस्कार.....
【दि०27/03/17 के PAB की बैठक】
मित्रों कल दि०-27/03/17 को PAB-(2017-18)की बैठक में उ०प्र० शरीक हुआ और इस बार अंशकालिक अनुशकों के मानदेय के लिए रू०17000/-का प्रस्ताव PAB के समक्ष रखा गया।विस्त्रृत जानकारी थोडा देर से देने का मुझे खेद है लेकिन केवल क्रेडिट लेने के चक्कर में बिना प्रामाणिक बात जाने जल्दबाजी में कोई भी बात बताना बिलकुल गलत है और मानदेय के मामले में तो यह प्रदेश के अनुदेशकों के जज्बातों के साथ खेलने जैसा होगा।
मित्रों सत्ता परिवर्तन के इस दौर में इस बार अनुदेशकों के मानदेय के रू०17000/- के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति बनवाने में अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। बहुत मेहनत के बाद तीनों आदरणीय मंत्रियों को हमलोग यह समझाने में सफल रहे कि भले ही यह रू०17000/-का प्रस्ताव सपा शासनकाल में बना लेकिन इसे बनवाने के लिए हमलोगों को कई बार धरना देना पड़ा और सड़कों पर उतर कर लाठियां भी खानी पड़ी।इसके अलावा भाजपा की तूफानी जीत में अनुदेशक एक एक बूथ पर पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर खडे होकर पार्टी के लिए काम किया है।दि०27/03/17 को सुबह सुबह आदरणीयMHRD मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर जी के आवास पर उनके और आद० MHRD राज्यमंत्री श्री महेन्द्र नाथ पाण्डेय जी के साथ संगठन के पदाधिकारियों की बैठक में दिए गये सटीक तर्क और चुनावी साक्ष्यों ने दोनों मंत्रियों के दिलोदिमाग में अनुदेशकों की एक अच्छी छवि बना दिया।
यही कारण है कि दि०27/03/17 को सचिव MHRD श्री अनिल स्वरूप जी की अध्यक्षता में हुई PAB में अनुदेशकों के मानदेय के लिए रू०17000/-के प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति बन गई। बल्कि एक समय तो ऐसा भी आया जब मीटिंग के अंदर से ही परियोजना के एक अधिकारी के द्वारा मोबाइल पर मुझे बधाई का मैसेज भी दिया गया।लेकिन अंतिम मोहर लगने के ठीक पहले ऐन टाइम पर सचिव MHRD द्वारा रू०17000/-का अलग से प्रस्ताव मांग लिया गया जिसे परियोजना के अधिकारी प्रस्तुत नहीं कर सके।अलग से प्रस्ताव उपलब्ध न कर पाने पर हमारे प्रस्ताव को होल्ड करते हुए मानदेय के 10% बढ़ोत्तरी पर विचार होने लगा। अर्थात अलग से प्रस्ताव न होने पर मानदेय में मात्र रू०847/-की आंशिक बढ़ोत्तरी होगी ।
इसकी जानकारी जैसे ही पदाधिकारियों को लगी तुरंत हम लोग भागकर माननीय मंत्री MHRD श्री महेंद्रनाथ पाण्डेय जी के कार्यालय में पंहुच गए। लंबे इंतजार के बाद सांम के 6 बजे माननीय मंत्री जी से पदाधिकिरियों कि मुलाकात हुई।सारी सच्चाई से अवगत कराने पर उन्होंने अनिल स्वरुप जी को फोंन लगवाया और उनसे प्रस्ताव के बारे में पूछने लगे तो सचिव साहब का जवाब था कि आप के निर्देशानुसार हम लोग रू 17000/- के प्रस्ताव पर सहमत हो गए थे।अर्थात सैद्धान्तिक सहमति बन गयी थी लेकिन यदि अलग से प्रस्ताव पेश न करने कि दशा में इसे पास कर दिया गया और राज्य सरकार ने हाँथ खीच लिया तो पूरी धनराशि केंद्र सरकार को ही देनी पड़ेगी।इसलिए अलग से प्रस्ताव के अभाव में उसकी आंतिम स्वीकृत नही दी जा सकी है। माननीय मंत्री जी के द्वारा काफी दवाब देने पर सचिव साहब ने अलग से प्रस्ताव के लिए एक सप्ताह का समय दे दिया और साथ ही यह भी कहा कि यदि एक सप्ताह में प्रस्ताव नही आ सका तो इसपर विचार सम्भव नही है ।मंत्री जी से वार्ता करने के बाद सचिव साहब ने इसकी जानकारी प्रमुख सचिव बेसिक उ0 प्र0 को भी टेलीफोन पर दे दिया। परियोजना के वित्त लेखा के दो अधिकारी इस आदेश के लिये आज तक दिल्ली रुके थे और सुबह 11:45 पर आदेश रिसीव कर के लखनऊ के लिए निकले है।
इन सारी बातों के बाद भी बिना लखनऊ के अधिकारियो की मंशा जाने बगैर सारी बाते आप के सामने रखना जल्दबाजी होती। परियोजना के अधिकारियो और प्रमुख सचिव बेसिक से थोड़ी देर पहले हुई वार्तालाप में चौंकाने वाले कुछ तथ्य सामने आये हैं।एक सप्ताह का समय मिलने पर ये अधिकारी लोग न केवल हमारा बल्कि हमारे प्रस्ताव में कटौती कर के शिक्षामित्रों और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के संविदा कर्मियों के मानदेय संबंधी प्रस्ताव को बढ़ा कर ले जाने के मूड़ में है अधिकारियो से हुयी वार्ता में काफी दबाव देने पर उनकी मंशा का पता चला है जिसके अनुसार वो हमारा प्रस्ताव रू10000/- का ही बना कर ले जाना चाह रहे है। थोड़ी देर पहले टेलीफोन पर प्रमुख सचिव से हुई बहस में वो बार बार एक ही शब्द बोल रहे थे कि पूरे प्रदेश में केवल आप लोग ही संविदा कर्मी नही है और केवल आप लोगो का बढ़ेगा तो इससे विसंगति आ जायेगी। मैं बार बार यही दलील दे रहा था कि हमारी मेहनत का आप बंटवारा क्यों करना चाह रहे है।कुछ मजबूरी के कारण समस्त वार्तालाप के साक्ष्य सार्वजनिक नहीं किए जा रहे हैं।
संगठन के पदाधिकारी जल्द ही इसका विरोध करने के लिए लखनऊ पहुच रहे हैं।और अपनी मेहनत से बनवायी गयी सैद्धान्तिक सहमति की धनराशि में से एक रू० भी किसी को छूने नही दिया जायेगा।
कल एक नेता जी के द्वारा श्रेय लेने की होड़ ने प्रदेश के 33000 अनुदेशको की भावनाओ के साथ खिलवाड़ कर दिया। जिनको यह पता नही था कि वास्तव में प्रस्ताव बन कितने का रहा है या पिछली बार के प्रस्ताव में किस कमी के कारण वापस कर दिया गया था उन्होंने भूतकाल में मेरे द्वारा दी गयी जानकारी को संकलित कर के बड़ी बड़ी पोस्ट बनाकर आप सब के साथ खिलवाड़ कर दिया । कल से हम लोगो के पास इतना फोन और मैसेज आ रहा था कि मजबूरन हमें मोबाइल बन्द करना पड़ रहा था।स्वघोषित अतिज्ञानी नेताजी से अनुरोध है कि थोड़े समय तक शांत रहिये और हम लोगो को इस प्रस्ताव को पास करा लेने दीजिए उसके बाद आप खूब फोटो खिंचवा कर नाम कमा लीजियेगा और बाकी के अपने धंधे भी कर लीजिएगा। आपकी वजह से हम लोग भी इस प्रस्ताव पर पूरी तरह से कन्सन्ट्रेट नही हो पा रहे है।आप लोग भी थोड़ा सजग रहिए।
साथियो आपको घबराने की तनिक भी जरूरत नही है। संगठन ने यह प्रण लिया है कि इस बार मानदेय को बिना कटौती के पास करायेंगे तो हम अंतिम दम तक इसके लिए लड़ेंगे चाहे इसके लिए अधिकारियो से जूतम पैजार भी करना पड़े।
आपलोग भी अपने अपने ईश्वर से प्रार्थना करें कि हमारे हौशले बुलंद रहें और हम अपनी मंजिल पाने में सफल रहें।गंगा मैया हम सबकी मनोकामना पूर्ण करें।
....................जय गंगा मैया....................
आपके संघर्षों का साथी
भोला नाथ पाण्डेय
प्रदेश महासचिव
9936451852
उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, उ०प्र०