सभी सम्मानित साथियों को तेजस्वी का नमस्कार.......
पैब-2017 में जाएगा रू०17000/- का प्रस्ताव,EC की रिपोर्ट भी हो गई जारी
पैब-2017 में जाएगा रू०17000/- का प्रस्ताव,EC की रिपोर्ट भी हो गई जारी
मित्रों आगामी 27 मार्च को होने वाली PAB-2017 की बैठक में रू०17000/- का प्रस्ताव भेजने की अंतिम कवायद भी पूरी हो गई अर्थात EC की रिपोर्ट भी जारी कर दिया गया है लेकिन वर्तमान EC की रिपोर्ट में भी कुछ टेक्निकल कमी रह गई है।संयोग से पिछली बार भी इसी कमी के चलते अनुदेशकों को साल भर भारी नुकसान उठाना पड़ गया था।EC की पूरी रिपोर्ट पढ़ने के बाद तत्काल उस पर आपत्ति दर्ज करके संसोधन कराने के लिए संगठन का एक प्रतिनिधि मण्डल जिसमें प्रदेश अध्यक्ष तेजस्वी शुक्ल,प्रदेश महासचिव भोला नाथ पाण्डेय,प्रदेश उपाध्यक्ष प्रियंक मिश्रा और प्रदेश मीडिया प्रभारी मो०फैसल शामिल थे,मुख्य सचिव,शासन श्री राहुल भटनागर जी से मिलने के लिए एनेक्सी पँहुचा।मुख्य सचिव महोदय को यह अवगत कराया गया कि आपने EC की रिपोर्ट(कार्यवृत्ति) में कुल रू०-2300/- करोड़ का साधारणतया जिक्र तो किया है लेकिन अनुदेशकों के मानदेय को रू०17000/-करने का स्पष्ट जिक्र नहीं किया है।इसी की वजह से पिछला प्रस्ताव भी वापस हुआ था।इस पर मुख्य सचिव महोदय ने उस पर संसोधन कराकर स्पष्ट उल्लेख कराने का पूर्ण आश्वासन दिया है।अब इसके आगे के पैरवी की आवश्यकता है जिसके लिए संगठन के पदाधिकारी जल्द ही दिल्ली पंहुचकर MHRD में सचिव श्री अनिल स्वरूप जी तथा मानव संसाधन मंत्री व राज्य मंत्री से मिलकर अपना पक्ष मजबूती से रखेंगे।वैसे आज राज्य परियोजना निदेशक श्री वेद पति मिश्रा जी भी श्री अनिल स्वरूप जी से मिलने के लिए दिल्ली गये हुए हैं और उनसे कल हुई टेलीफोनिक वार्ता में उन्होंने भरोसा दिलाया था कि प्रस्ताव में कोई कटौती न करने का निवेदन भी वो सचिव महोदय से करेंगे।
कुछ स्वघोषित अतिज्ञानी लोग और उनकी भारी भरकम विधिक सलाहकारों(सालीसिटर जनरल) की टीम, जिन्हें अपने अलावा बाकी सब अल्पज्ञानी ही समझ आते हैं,वो अभी भी अनुदेशकों को भ्रमित करने में जुटे हैं।अभी चार दिन पहले तक ये अतिज्ञानी महापुरूष बता रहे थे कि प्रस्ताव रू०-15000/- का ही बन रहा है और आज कूद पडे एकाएक समर में और पीटने लगे छाती 18000 और 17000 के नाम पर।EC में पास होने के पहले तक इन ज्ञानियों को यह भी पता नहीं था कि प्रस्ताव कितने का बन रहा है जो कि इनके पोस्टों में साफ साफ लिखा है।पिछली बार मानदेय बृद्धि और 15000 के नाम पर इन अतिज्ञानियों ने क्या क्या किया था यह मुझे बताने की जरूरत नहीं है,आप सब खुद जानते हैं।इस बार 18000 के नामपर वही सब नहीं कर पा रहे हैं तो छटपटाहट साफ-साफ दिख रही है।इस बार जब हम लोगों ने व्यवस्थित तरीके से प्रत्येक स्टेप पर पैरवी शुरू किया तो ये महोदय लोग भी आँख बंद करके कूदने लगे।आखिर पिछले साल यही पैरवी क्यों नहीं किया आप लोगों ने।
कल ये महोदय लोग लंबी चौड़ी पोस्ट तो बनाए लेकिन उसमें अनुदेशकों के सामने पूरी की पूरी मनगढ़ंत और झूठी बातें परोस दिया।अगर सत्य का सामना करने की ताकत हो तो जो बातें प्रमुख सचिव महोदय ने कही थी वही पूरी बात सत्यता के साथ रख दो,कदापि नहीं रखेंगे ये इनको तो राजनीति ही चमकानी है और हाँ मैं यह हवा मे तीर नहीं मार रहा हूँ,जब जिसे आवश्यकता पड़ेगी उसे साक्ष्य के साथ इनके झूठ का प्रमाण दिखाया जाएगा।महोदय लोग इसी तरह से कूदते रहे तो हो सकता है कि अधिकारियों के झल्लाहट में रू०17000/-का प्रस्ताव भी न जा सके और रू०8470/- ही चला जाए।
मुझे आश्चर्य तो इस बात पर हुआ कि कल उस संगठन के सर्वाधिक जिम्मेदार पदाधिकारी ने यह लिखा कि आप लोग तो नियमितीकरण/समायोजन की लडा़ई लड़ रहे हैं,मानदेय बृद्धि हमारे लिए छोड़ दीजिए।उन महोदय से मैं कहना चाहूँगा कि आप भी लिखित में दे दीजिए कि आप भविष्य में नियमितीकरण की लड़ाई नहीं लड़ेंगे तो हम भी वादा करते हैं कि हम भविष्य में मानदेय बृद्धि की लड़ाई नहीं लड़ेंगे।मैंने अपने जीवन में किसी संगठन के सर्वोच्च पदासीन पदाधिकारी की इतनी बचकाना पोस्ट नहीं देखी थी।
मातृत्व अवकाश पर संगठन ने व्यवस्थित रूप से काम करके EC में पास करा लिया तो महोदय लोग छाती पीटने लगे।अरे स्वघोषित अतिज्ञानियों अभी भी यह केवल EC में ही पास हुआ है,अभी भी इसमें काफी अड़चनें हैं।इन ज्ञानियों को यह कौन बताए कि यदि हमने इस पर मेहनत न किया होता तो हमें उसके प्रस्ताव और उसके EC में पास होने की पल पल की खबर कैसे रहती,तम्हें तो नहीं थी।
मुख्य सचिव से बनी सहमति का प्रस्ताव चुनाव आचार संहिता के कारण शासन स्तर पर लंबित है और शासन स्तर पर अधिकारी किसी के रिश्तेदार तो हैं नहीं जो नियम विरूद्ध काम कर देंगे।कम से कम हमारे रिश्तेदार तो नहीं है,आपके हों तो हमें नहीं पता।
मित्रों मुझे किसी का कोई विरोध नहीं करना है।जिसके जो समझ में आये करें लेकिन उनसे निवेदन केवल इतना है कि अपनी इन ओछी हरकतों से लगभग 33000 लोगों का नुकसान मत करिए।थोड़ा धैर्य रखिए और हमें कायदे से पैरवी कर लेने दीजिए,शायद गंगा मैया हम लोगों पर आशीर्वाद बना ही दें और हम लोगों का मानदेय सम्मानजनक हो ही जाए।और हाँ आप शाँति से बैठे भर रहिए, काम हो जाने दीजिए,हम लोगों को क्रेडिट की आवश्यकता नहीं हैं।काम हो जाने के बाद हम लिखकर दे देंगे कि यह काम इन्हीं लोगों ने ही करवाया है।एक बात और बता दूँ इस बार प्रस्ताव में मानदेय बृद्धि के नाम पर किसी भी अधिकारी ने अभी तक हमलोगों से एक भी मांग नहीं रखी।शायद लगता ही नहीं और कभी लगा भी नहीं।आप की आप जानो।
मित्रों इस तरह की पोस्ट के लिए मुझे क्षमा करिएगा।यह मेरे स्वभाव में नहीं है लेकिन ये साथी जानबूझकर जबरन इस तरह की बात शुरू कर दे रहे हैं जिसमें लोग उलझे रहें।हम प्रत्येक स्तर से इस बार मानदेय बृद्धि के लिए प्रयासरत हैं और अपनी पूरी ताकत झोंक देंगे बाकी हमारी और आपकी किस्मत कितना साथ देती है यह वक्त पर छोड़ दिया जाए।गंगा मैया हम सब पर आशीर्वाद बनाएं।
....................जय गंगा मैया....................
।।।।.............जय क्रान्ति विजय क्रान्ति.........।।।।
आपके संघर्षों के साथी
भोला नाथ पाण्डेय
प्रदेश महासचिव
9936451852
प्रदेश महासचिव
9936451852
तेजस्वी शुक्ल
प्रदेश अध्यक्ष
9670923000
प्रदेश अध्यक्ष
9670923000
उच्च प्राथमिक अनुदेशक शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन, उ०प्र०